Bihar Police Constable SI Bharti With New Reservation Rule: बीते दिनों बिहार कैबिनेट ने जाति आधारित आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के प्रस्ताव को पारित किया था इसमें 10% सामान्य (आर्थिक आधार) में रिजर्वेशन सहित बिहार में 75% आरक्षण सीमा बढ़ा दी गई है, इसी क्रम में बिहार सरकार राज्य में निकलने वाली सरकारी नौकरियों और शैक्षिणक संस्थान में इसी आरक्षण स्लैब को लागू करेंगी।
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में बढ़े हुए आरक्षण नीति को लागू करने के लिए सभी विभागों को आदेश दे दिया है, राज्य में होने वाले बीपीएस परीक्षा, बिहार पुलिस, स्वास्थ्य विभाग ,श्रम विभाग, जूनियर डॉक्टर, कांस्टेबल भर्ती, असिस्टेंट प्रोफेसर, पुलिस एएसआई जैसे पदों की नियुक्ति निकलनी है।
ऐसे में कहा जा रहा है,इन सभी सरकारी सेवाओं में राज्य में लागू आरक्षण नीति(रिजर्वेशन पॉलिसी) के तहत नौकरियां मे आरक्षण फार्मूला लागू किया जाएगा।
Bihar Constable Bharti Reservation : बिहार पुलिस में 10000 सिपाही भर्ती 75% आरक्षण नीति!
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में बिहार सरकार में बीपीएस में 6060 पदों में हेडमास्टर की नौकरी,बिहार पुलिस में 10000 सिपाही,स्वास्थ्य विभाग में 150000,पशु और कृषि विभाग में 700 नौकरियां निकलने जा रही है।
ऐसे ही राज्य के भिन्न भिन्न विभागों में लाखों की संख्या में नौकरियां जारी हो सकती है,इन सभी पोस्टों में राज्य के 75% आरक्षण नीति फार्मूला लागू होंगा।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई भर्तियों के साथ ही साथ बिहार सरकार मौजूदा समय में जिन भर्तियों की प्रक्रिया चल रही है, उनमें भी बढ़े आरक्षण फॉर्मूले को लागू कर सकती है।
2016 से नोकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण का प्रावधान
बिहार सरकार में 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण (Reservation)का प्रावधान किया गया है जिसके अनुसार राज्य में सभी वर्गों को मिले आरक्षण में उसी वर्ग की 35% महिलाओं को प्राथमिकता मिलेंगी।
आनंद बाजार पत्रिका (ABP NEWS) की रिपोर्ट के अनुसार बिहार आज देश का इकलौता राज्य है, जहां महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी देश में सबसे अधिक है। इसके अलावा मेडिकल, इंजीनियरिंग और खेल विश्वविद्यालयों के तहत संस्थानों में छात्राओं के लिए 33% सीटें आरक्षित हैं।
आपको बता दें, बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार सरकार ने 9 नवंबर को एक बिल पेश किया था, बिल में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए कोटा बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने का विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो चुका है, जो 1992 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा से काफी आगे है।