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भारत सरकार की सोशल मीडिया कंपनियों को एजवाइजरी, 36 घंटे में हटाने होंगे डीपफेक वीडियो

भारत सरकार की सोशल मीडिया कंपनियों को एजवाइजरी, 36 घंटे में हटाने होंगे डीपफेक वीडियो

  • रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो वायरल होने के बाद, इस विषय को लेकर भारत में चर्चा तेज हुई है।
  • नियमों के तहत सरकार या यूजर द्वारा रिपोर्ट की गई किसी भी गलत सूचना को 36 घंटे के अंदर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हटाना होता है।
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Social Media Companies Asked To Remove Deepfake Video Within 36 Hours: हाल ही में मशहूर अभिनेत्री रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और इसके बाद से ही अब ‘डीपफेक कंटेंट’ को लेकर एक नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। इस विवाद के चलते ना सिर्फ कई लोगों ने पहली बार ‘डीपफेक’ शब्द का मतलब समझा, बल्कि उन्हें इसके खतरों का भी अंदाज़ा हुआ।

और अब सरकार की ओर से भी मामले का संज्ञान लेते हुए, इस विषय पर गंभीरता दिखाई गई। मंगलवार (7 नवंबर, 2023) को केंद्र सरकार ने ‘डीपफेक कंटेंट’ को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों/मध्यस्थों के लिए एक एजवाइजरी जारी की है। इस एजवाइजरी के तहत मुख्यतः सोशल मीडिया कंपनियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि गलत सूचनाओं और डीपफेक कंटेंट की पहचान करने के लिए पर्याप्त परिश्रम व प्रयास किए जाएँ।

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एजवाइजरी के मुताबिक, ऐसी जानकारी जो नियमों और विनियमों और/या उपयोगकर्ता समझौतों के प्रावधानों का उल्लंघन करती है, ऐसे मामलों पर आईटी नियम 2021 के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर शीघ्र कार्रवाई की जानी चाहिए।

इसके तहत सोशल मीडिया कंपनियों/मध्यस्थों को उपयोगकर्ता या सरकारी संस्थान व प्राधिकारी से गलत सूचना या डीपफेक कंटेंट आदि को लेकर रिपोर्ट प्राप्त होने के 36 घंटों के भीतर उसे हटाने का आदेश दिया गया है।

बताते चलें सरकार ने अप्रैल 2023 में संशोधित आईटी नियमों को पेश किया। इसमें निर्धारित नियमों के तहत सरकार या यूजर द्वारा रिपोर्ट की गई किसी भी गलत सूचना को 36 घंटे के अंदर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हटाना होता है।

याद दिला दें, फरवरी 2023 में, सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों को आईटी नियम, 2021 के अनुसार किसी व्यक्ति से शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर ‘डीप फेक इमेजरी’ के एक्सेस को हटाने या अक्षम करने के लिए ‘उचित और पर्याप्त उपाय’ करने के निर्देश दिए गए थे।

Rashmika Mandanna’s Deepfake Video

वैसे तो ‘डीपफेक’ कंटेंट और इसके ख़तरों का मुद्दा नया नहीं हैं, लेकिन भारत में इस विषय को लेकर चर्चा तेज तब हुई जब कुछ दिन पहले अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। यह असल में जारा पटेल नामक इंग्लैंड में रहने वाली एक भारतीय इंफ्लुएंसर का वीडियो था।

रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो पर बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और इसके ख़िलाफ कानूनी कार्रवाई तक की मांग की थी।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने लिया मामले का संज्ञान

इस बीच केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने इस डीपफेक वीडियो के संबंध में X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया। अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा;

“मोदी सरकार इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले सभी डिजिटल नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा ऐसा नहीं करने पर IPC के अंतर्गत ऐप या प्लेटफॉर्म के खिलाफ कानूनी कार्यवाई की जा सकती है।”

केंद्रीय मंत्री ने माना कि डीपफेक एक गंभीर विषय है खासकर इसके चलते महिलाओं को काफी नुकसान पहुंचाता है।

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