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कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुलाया, जारी की ट्रैवल एडवाइजरी

कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुलाया, जारी की ट्रैवल एडवाइजरी

  • कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली के अनुसार, नई दिल्ली के अल्टीमेटम के बाद कनाडा ने अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है।
  • इस बीच कनाडा के 'सेफ्टी एंड सिक्योरिटी' विभाग की ओर से भारत जाने वाले अपने नागरिकों के लिए एक नई एडवाइजरी जारी की गई है।
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Canada Updates Travel Advisory For India: हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा दिए गए विवादित बयान के बाद से ही भारत और कनाडा के रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है। और फिलहाल इसके कम होने के आसान भी दिखाई नहीं दे रहे। इस बीच एक नए घटनाक्रम के तहत, कनाडा ने यह बताया है कि उसने भारत से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है।

कनाडा की विदेश मंत्री ने दी जानकारी

इस बात की जानकारी कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली (Melanie Joly) ने गुरुवार (19 अक्टूबर) को दी। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के अल्टीमेटम के बाद कनाडा ने अपने 41  राजनयिकों को वापस बुला लिया है। जोली ने कहा कि भारत ने शुक्रवार, 20 अक्टूबर तक हमारे 21 राजनयिकों और उनके परिवारों को छोड़कर, अन्य सभी राजनयिक के लिए दी जाने वाली छूट को “अनैतिक” और “एकतरफा” रूप से रद्द करने की धमकी दी थी।

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उन्होंने भारत के इस कदम को ‘अनुचित’ करार देते हुए, राजनयिक संबंधों को लेकर हुए ‘वियना सम्मेलन’ व अंतरराष्ट्रीय कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन बताया। हालाँकि कनाडा की विदेश मंत्री ने साफ किया कि कनाडा अभी किसी तरह की जवाबी कार्रवाई करने की योजना नहीं बना रहा है, जिससे स्थिति बिगड़नें की संभावना पैदा हो।

क्या होगा असर?

कनाडा द्वारा 41 राजनयिकों को वापस बुलाए जाने के बाद, अब भारत में उनके 21 राजनयिक ही हैं। ऐसे में कर्मचारियों की कमी के चलते, कई सेवाओं के प्रभावित होने की भी आशंका है।

सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, कनाडा ने एक नई एडवाइजरी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि बेंगलुरु, चंडीगढ़ और मुंबई में स्थित कनाडा के ‘कॉन्सुलेट जनरल’ में फिलहाल कामकाज निलंबित रहेगा। ऐसे में भारत में रहने वाले कनाडाई नागरिकों को राजनयिक मदद के लिए नई दिल्ली स्थित ‘हाई कमीशन ऑफ़िस’ से सीधे संपर्क करना होगा। यह सेवाएँ दोबारा कब से बहाल हो सकेंगी, इसको लेकर कुछ भी स्पष्ट रूप से सामने नहीं आया है।

कहाँ से शुरू हुआ विवाद?

असल में पिछले महीने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसियों का हाथ होने की आशंका व्यक्त की थी। इसके जवाब में भारत ने इन तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। लेकिन इसके बाद से ही भारत और कनाडा के बीच संबंधों में खटास आनी शुरू हो गई।

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Image Credit: Justin Trudeau (Twitter.com/@JustinTrudeau)

भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए अस्थायी तौर पर वीजा सेवाएं भी निलंबित कर दी थीं। इसके बाद कनाडा से भारत में कार्यरत उनके 62 राजनयिक कर्मचारियों की संख्या को कम करते हुए, 41 राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कहा गया था। भारत ने चेतावनी भी दी थी कि समयसीमा के भीतर निर्देशों का पालन ना करने पर कनाडा के राजनयिकों को दी जाने वाली ‘डिप्लोमेटिक इम्यूनिटी’ को समाप्त कर दिया जाएगा।

कनाडा ने जारी की एडवाइजरी

कनाडा की विदेश मंत्री द्वारा 41 राजनयिकों को वापस बुलाए जाने की जानकारी देने के कुछ ही समय बाद, कनाडा के ‘सेफ्टी एंड सिक्योरिटी’ विभाग की ओर से भारत जाने वाले अपने नागरिकों के लिए नई एडवाइजरी जारी की गई। इस नई एडवाइजरी में अपने नागरिकों को सतर्क करते हुए कनाडा ने कहा कि भारत के मीडिया और सोशल मीडिया में कनाडा के प्रति नकारात्मक रूख है। और वहाँ कनाडा विरोधी प्रदर्शन भी हो सकते हैं, इसलिए कनाडा के नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

एडवाइजरी के मुताबिक, खासकर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कनाडाई नागरिक अजनबियों से बहुत अधिक बात करने से बचें और उनसे अपनी निजी जानकारियाँ साझा ना करें। साथ ही कनाडा से अपने नागरिकों को भीड़ भाड़ वाले इलाकों और सार्वजनिक परिवहन से भी परहेज करने की सलाह दी है। यह भी हिदायत दी गई है कि बाहर जाते समय अपने दोस्तों या परिजनों को यात्रा से संबंधित सूचाएँ ज़रूर दें।

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