YouTube To Put ‘Unverified’ Disclaimer On Fake News Channels?: आज इंटरनेट व सोशल मीडिया के दौर में ‘फेंक न्यूज़’ एक बड़ी और गंभीर चुनौती बनकर उभरी है। खासकर गूगल के मालिकाना हक वाला यूट्यूब (YouTube) ‘फर्जी खबरों’ को फैलाने के बड़े माध्यमों में से एक बनता जा रहा है। शायद यही वजह है कि अब भारत सरकार ने यूट्यूब में ‘फर्जी न्यूज़ चैनलों’ पर नकेल कसने के लिए एक नई योजना तैयार की है।
असल में सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, भरत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने कड़ा रुख अपनाते हुए, एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कंपनी से ‘फर्जी न्यूज़ चैनलों’ के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह कहा है कि यूट्यूब इन फर्जी न्यूज़ चैनलों के कंटेंट को “News Not Verified” जैसे ‘लेबल’ या ‘डिस्क्लेमर’ के साथ पेश करे। इसका खुलासा मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में 13 अक्टूबर की तारीख वाले एक कार्यालय ज्ञापन के हवाले से हुआ है।
इतना ही नहीं बल्कि आईटी मंत्रालय ने 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता आधार वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से एक ऐसा ‘एक्शन प्लान’ तैयार करने और पेश करने के लिए कहा है, जिसमें 10 दिनों के भीतर ‘फर्जी खबरों’ और ‘गैरकानूनी कंटेंट’ से निपटने की रणनीति का जिक्र हो। ये कंपनियाँ फर्जी खबरों पर लगाम लगाने से संबंधित अपनी मौजूदा रणनीतियों का भी विवरण पेश कर सकती हैं।
Fake News Channels On YouTube: फर्जी खबरों पर नकेल की तैयारी
जाहिर है यह कदम भारत में डिजिटल प्लेटफार्मों पर तेजी से बढ़ रही फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं को रोकने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का ही हिस्सा है। अक्सर असत्यापित या भ्रामक स्रोतों द्वारा फैलाई जाने वाली फर्जी ख़बरों से सरकार के लिए तमाम मोर्चों पर चुनौतियाँ बढ़ जाती हैं।
लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने इसमें कहीं भी ‘फर्जी समाचार’ या ‘फर्जी न्यूज़ चैनलों’ की पहचान करने के तरीकों को परिभाषित नहीं किया है। कुछ ही समय पहले केंद्र सरकार ने अपनी प्रस्तावित फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना को दिसंबर तक के लिए टाल दिया था। जैसा नाम से ही जाहिर है, सरकार द्वारा नियुक्त यह फैक्ट चेक यूनिट, सरकार से संबंधित गलत या भ्रामक कंटेंट की पहचान करने का काम करेगी।
इस दौरान सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से उपयोगकर्ताओं और विशेषकर बच्चों की साइबर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने और उन्हें भी इसके प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। हाल में आईटी मंत्रालय ने तमाम प्लेटफॉर्मों को बाल यौन शोषण सामग्री के ख़िलाफ सख्त करवाई करने और ऐसे कंटेंट को तुरंत प्लेटफ़ॉर्म से हटाने के लिए भी कहा था।