संपादक, न्यूज़NORTH
India Will Not Impose Restrictions On Laptop Imports: भारत ने कुछ महीनें पहले अचानक लैपटॉप आयात पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ी एक योजना पेश की थी, लेकिन अब सामने आ रही खबरों के अनुसार, ‘लैपटॉप आयात’ पर पाबंदी संबंधित पिछली योजना को वापस लेने का फैसला किया गया है।
जी हाँ! अपना इरादा बदलते हुए अब भारत सरकार फिलहाल लैपटॉप आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाने जा रही है। सबसे पहले रॉयटर्स के हवाले से सामने आई इस खबर में सरकार द्वारा इरादा बदले जाने की बात कही गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के व्यापार सचिव सुनील बर्थवाल ने शुक्रवार को इस विषय में जानकारी साझा करते हुए स्पष्ट रूप से कहा;
“भारत लैपटॉप आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाएगा।”
हाँ! इस दौरान उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रतिबंध लगाने के बजाए सरकार केवल यह चाहती है कि ऐसे तमाम आयातकों पर कड़ी नजर रखी जाए। यह भी सामने आया है कि सरकार अब उद्योग जगत के साथ परामर्श करते हुए, लैपटॉप आयात को लेकर अक्टूबर के अंत तक कुछ नई घोषणाएँ कर सकती है। हालाँकि अभी आगे की योजना को लेकर आधिकारिक रूप से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।
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याद दिला दें इसके पहले भारत सरकार की ओर से 3 अगस्त, 2023 को आयात लाइसेंसिंग व्यवस्था की घोषणा की गई थी। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना था कि “विश्वसनीय हार्डवेयर और सिस्टम” को ही भारत में प्रवेश मिल सके। व्यवस्था के तहत ऐसे उत्पादों का आयात देश के भीतर सिर्फ तभी किया जा सकता था, जब उसके लिए विशेष रूप से लाइसेंस या सरकार की अनुमति ली गई हो।
इस संबंध में विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से तब एक अधिसूचना जारी किए जाने की बात भी सामने आई थी। इसका सीधा असर Dell, HP, Apple, Samsung और Lenovo जैसी कंपनियों पर पड़ता।
लेकिन इस योजना के सामने आते ही उद्योग जगत से कई आपत्तियाँ दर्ज की जानें लगी, और तमाम आलोचनाओं के चलते इसे तीन महीने के लिए टाल दिया गया था।
दिलचस्प ये है कि भारत मेक इन इंडिया व पीएलआई जैसी स्कीमों के जरिए वैश्विक स्तर पर ‘मैन्युफैक्चरिंग हब’ के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिशें कर रहा है। और इसमें देश को काफी हद तक सफलता मिलती भी नजर आ रही है। जानकार मानते हैं कि लैपटॉप आयात पर प्रतिबंध की योजना भी कहीं ना कहीं इसी का एक हिस्सा थी।