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Starlink को सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए अगले महीनें मिल सकता है लाइसेंस: रिपोर्ट

Starlink को सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए अगले महीनें मिल सकता है लाइसेंस: रिपोर्ट

  • आगामी अक्टूबर माह में स्टारलिंक को भारत सरकार की ओर से 'ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट' (GMPCS) लाइसेंस मिल सकता है।
  • सरकार की ओर से यह लाइसेंस हासिल करने के बाद Starlink भी स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए पात्र बन जाएगी।
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Starlink Satellite Internet in India: भारत में बेसब्री से अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने का इंतजार कर रही स्टारलिंक (Starlink) को जल्द शायद एक बड़ी कामयाबी मिल सकती है। सामने आ रही खबरों के मुताबिक, एलन मस्क के नेतृत्व वाली यह कंपनी अगले महीनें तक भारत सरकार से अपनी सेवाओं के संचालन के लिए संबंधित लाइसेंस प्राप्त कर सकती है।

जी हाँ! फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक हालिया रिपोर्ट में किए गए खुलासे के अनुसार, आगामी अक्टूबर माह में स्टारलिंक को भारत सरकार की ओर से ‘ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट’ (GMPCS) लाइसेंस मिल सकता है।

क्यों महत्वपूर्ण है ये लाइसेंस?

असल में सरकार की ओर से एक बार ‘ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट’ (GMPCS) लाइसेंस हासिल करने के बाद Starlink भी स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए पात्र बन जाएगी। फिलहाल इस लिस्ट में दो टेलीकॉम दिग्गज कंपनियों – OneWeb और Jio Satellite का ही नाम शामिल हैं।

लेकिन एक बार लिस्ट में बतौर तीसरी कंपनी जुड़ने के बाद, Starlink के लिए देश के भीतर सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने की राह आसान हो जाएगी। आपको बता दें Starlink ने पिछले साल अक्टूबर के समय ही ‘ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट’ के लिए आवेदन किया था।

इसके साथ ही कंपनी ने भारत में इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) से भी आवश्यक मंजूरी हेतु आवेदन कर रखा है।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी सामने आया है कि Starlink पर मालिकाना हक रखने वाली SpaceX ने सभी नियामक जरूरतों को भी पूरा कर लिया है, जैसे सैटेलाइट्स का स्थान, डाटा स्टोरेज, भारत में ब्रॉडबैंड सर्विस को लेकर रणनीति आदि चीजें शामिल हैं।

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आपको अगर याद हो तो साल 2021 में एलन मस्क के नेतृत्व वाली स्टारलिंक ने भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की पेशकश करने के लिए प्री-बुकिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।

लेकिन कुछ ही दिनों में सरकार ये यूजर्स को चेतावनी जारी करते हुए, यह साफ कर दिया था कि देश के भीतर सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदान करने या इसको लेकर किसी भी प्रकार की प्री-बुकिंग करने के लिए कंपनी ने पास उचित लाइसेंस नहीं है, ऐसे में ग्राहक प्री-बुकिंग ना करें और किसी भी प्रकार की राशि का भुगतान ना करें। या दिला दें तब स्टारलिंक अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए $99 (लगभग ₹7,400) के भुगतान के साथ प्री-बुकिंग ले रही थी।

कैसे काम करती है सैटेलाइट इंटरनेट सेवा?

SpaceX की सहायक कंपनी Starlink अपनी इंटरनेट सेवाओं की पेशकश के लिए मुख्य रूप से लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) स्टारलिंक सैटेलाइट, मतलब कि पृथ्वी की निचली कक्षा में तैनात किए गए कई सारे छोटे-छोटे सैटेलाइट्स के एक नेटवर्क का इस्तेमाल करती है।

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