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मणिपुर ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित, फिर बैन हुआ इंटरनेट, 6 महीनें के लिए AFSPA लागू

मणिपुर ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित, फिर बैन हुआ इंटरनेट, 6 महीनें के लिए AFSPA लागू

  • मणिपुर सरकार ने 19 थाना क्षेत्रों को छोड़कर शेष राज्य में AFSPA कानून को 6 महीनें के लिए बढ़ाने का फैसला किया है।
  • घाटी के जिन 19 पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में यह लागू नहीं किया गया, उसमें राजधानी इंफाल भी शामिल है।
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Manipur Govt Declares Entire State As ‘Disturbed Area’: मणिपुर सरकार ने मौजूदा हालातों और कानून- व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर, बुधवार यानी 27 सितंबर को राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया। इसी के साथ ही राज्य में 1 अक्टूबर से अगले 6 महीनें के लिए एक बार फिर ‘सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम’ (AFSPA) लागू कर दिया गया है। हाल ही में दो लापता छात्रों की मौत की खबर सामने आने के बाद, बढ़ते तनाव की वजह से ये कदम उठाए गए हैं।

साफ कर दें कि मणिपुर सरकार ने 19 थाना क्षेत्रों को छोड़कर शेष राज्य में AFSPA कानून को 6 महीनें के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। घाटी के जिन 19 पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में यह लागू नहीं किया गया, उसमें राजधानी इंफाल भी शामिल है।

फिर तनावपूर्ण हुई स्थिति

आधिकारिक रूप से जारी एक अधिसूचना में यह बताया गया कि मणिपुर के राज्यपाल ने 19 थाना क्षेत्रों को छोड़, शेष पूरे मणिपुर राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

राज्य के जिन क्षेत्रों में AFSPA को लागू नहीं किया गया है, उनमें इंफाल, लांफेल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लैमसांग, पास्टोल, वांगोई, पोरोम्पैट, हेंगांग, लामलाई, इरिबुंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नंबोल, मोइरंग, काकचिन और जिरबाम शामिल हैं।

बता दें, मणिपुर की राज्य सरकार ने बीतें 23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को वापस बहाल कर दिया था। लेकिन अचानक वापस से बढ़ते तनाव व हिसंक विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए, सोशल मीडिया के जरिए अराजकता फैल सकनें जैसी आशंकाओं के बीच, 1 अक्टूबर तक के लिए फिर से इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है।

Manipur As Disturbed Area: क्या है मामला?

राज्य सरकार ने यह निर्णय लेते हुए कहा है कि विभिन्न समूहों की हिंसक गतिविधियों के कारण पूरे राज्य में सिविल प्रशासन की मदद के लिए सशस्त्र बलों की आवश्यकता है। राज्य में फिर अचानक बढ़ती हिंसा के पीछे दो लापता छात्रों की हत्या की खबर व तस्वीरें वायरल होने को एक बड़ा कारण माना जा रहा है।

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घटना कुछ ऐसी है कि कुछ संदिग्ध हथियारबंद लोगों ने एक विशेष समुदाय के दो छात्रों का अपहरण किया, और बाद में उनकी हत्या कर दी। सोशल मीडिया पर कथित रूप से छात्रों के शवों की तस्वीरें भी वायरल होनें लगी, जिसके बाद बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए। इस दौरान छात्रों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प भी हुई। सामने आ रही जानकारी के अनुसार, इस झड़प के चलते लगभग 45 लोग घायल हुए।

मामला इतना बिगड़ गया कि इंफाल सीएम सचिवालय से करीब 200 मीटर की दूरी पर भी पुलिस और छात्र आमने-सामने आ गए थे। इसके बात विरोध प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों द्वारा पुलिस पर पथराव करने की खबर भी सामने आई, जिसके बाद ही पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के इरादे से आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया।

वहीं छात्रों का कहना है कि वह अपने साथी छात्रों के अपहरण और हत्या को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शांति बनाए रखने की अपील के साथ ही, दोषियों को जल्द सजा दिलाने की बात कही है। सूचना ये भी है कि इस ताजा मामले को भी जाँच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया है।

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