संपादक, न्यूज़NORTH
China vs India – Arunachal Pradesh Athletes Visa Row: चीन के हांगझोऊ में 23 सितंबर से 8 अक्टूबर के बीच आयोजित किए जाने वाले 19वें एशियाई खेलों को लेकर दो पड़ोसी देशों में विवाद बढ़ता नजर आ रहा है। जी हाँ! हम बात कर रहे हैं भारत और चीन की, जिनके बीच एक बार फिर तल्खियां खुलकर सामने आई हैं।
ताजा मामले के तहत, हांगझाऊ एशियन गेम्स में भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य से आने वाले तीन वुशु खिलाड़ियों को चीन ने मान्यता ना देते हुए, वीजा जारी करने से मना कर दिया। चीन की यह हरकत ना सिर्फ खेल भावना के ख़िलाफ है, बल्कि भारत की अखंडता पर भी सवाल खड़े करने का दुस्साहस करती है। ऐसे में यह ताजा वीजा विवाद, दोनों देशों के बीच पहले से चले आ रहे तनावपूर्ण रिश्ते को और बिगाड़ने का काम कर सकता है।
सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामलें में सख्त रूख अपनाते हुए भारत ने बीजिंग से लेकर नई दिल्ली तक संबंधित अधिकारियों के माध्यमों से चीन की इस हरकत पर विरोध जताना शुरू कर दिया है। साथ ही भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने चीन के इस रवैए के विरोध में एशियाई खेलों के संबंध में तय अपनी यात्रा को भी रद्द कर दिया है।
बताते चलें इस साल चीन में आयोजित किए जा रहे एशियन गेम्स में भारतीय दल की ओर से कुल 655 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जो कुल 41 खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। दिलचस्प रूप से पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब भारतीय पुरुष और महिला क्रिकेट टीमें भी इन खेलों में हिस्सा लेगी।
China Denies Visa for Arunachal Pradesh Athletes: क्यों चीन ने की ऐसी हरकत?
चीन हमेशा से भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को लेकर विवाद पैदा करता रहा है। चीन आज तक अरुणाचल प्रदेश को भारतीय राज्य की मान्यता नहीं देता है और इसको विवादित क्षेत्र के रूप में चिन्हित करते हुए, इस पर अपना दावा करता है। यही वजह है कि चीन अरुणाचल के लोगों को भारतीय नागरिक की मान्यता ना देते हुए, साधारण वीज़ा जारी करने के बजाए, स्टेपल वीज़ा का प्रस्ताव देता रहा है।
पहले भी अरुणाचल के खिलाड़ियों को स्टेपल वीज़ा जारी करने के मामले सामने आते रहे हैं, जिसका भारत ने सख्त विरोध करते हुए, ऐसे प्रस्तावों को ठुकराने का काम किया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, एशियन गेम्स से संबंधित इस ताजा मसले पर चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को कहा गया;
“हांगझोऊ एशियन गेम्स 2023, बीजिंग विंटर ओलंपिक के बाद चीन में होने जा रहा एक बड़ा व अहम आयोजन है। बतौर मेजबान देश, चीन क़ानूनी पहचान के साथ सभी देशों के खिलाड़ियों का स्वागत कर रहा है। चीन की सरकार ने कभी भी तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है।”
भारत ने जताया कड़ा विरोध
भारत के खेल मंत्रालय की ओर से जारी बयान में चीन को सख्त संदेश देते हुए, अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग बताया गया। तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने चीन के इस बरताव की आलोचना की है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मामले की निंदा करते हुए कहा;
“हमारे अरुणाचल प्रदेश के वुशु खिलाड़ियों को वीज़ा जारी ना करने वाली चीन की हरकत की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ। हमारे ये सभी खिलाड़ी हांगझाऊ में आयोजित किए जा रहे 19वें एशियन गेम्स में हिस्सा लेने जा रहे थे। लेकिन चीन का यह कदम ना सिर्फ खेल भावना के खिलाफ है, बल्कि एशियाई खेलों के नियमों व आचार संहिता के भी विरुद्ध है। इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी को चीन के इस अवैध कदम के ख़िलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।”
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया;
“चीनी अधिकारियों ने लक्षित व पूर्व-निर्धारित योजना के तहत अरुणाचल प्रदेश के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को 19वें एशियाई खेलों में मान्यता और प्रवेश देने से इनकार करते हुए, उनके साथ भेदभाव किया है। अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अंग रहा है और आगे भी रहेगा। हम तमाम मोर्चों पर अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं और इसी क्रम में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपना दौरा भी रद्द कर दिया है।”
Our response to media queries on some Indian sportspersons being denied entry into 19th Asian Games:https://t.co/wtoQA8zaDH pic.twitter.com/cACRspcQkD
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) September 22, 2023
चीन के लिए भारत की स्पष्ट टिप्पणी, “अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है, और रहेगा”