संपादक, न्यूज़NORTH
India restricts laptop and tablet imports: हम सब जानते हैं कि भारत पिछले कुछ समय से लगातार मेक इन इंडिया व पीएलआई जैसी स्कीमों के जरिए वैश्विक स्तर पर ‘मैन्युफैक्चरिंग हब’ के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिशें कर रहा है। इसमें देश को काफी हद तक सफलता मिलती भी नजर आ रही है।
लेकिन अब इन प्रयासों को और गति देने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। आज सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (USFF) कंप्यूटर और सर्वर समेत अन्य चीजों के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध (बैन) लगा दिया है।
सरल शब्दों में कहें तो अब भारत के भीतर विदेशों से इन तमाम प्रोडक्ट्स को नहीं लाया जा सकेगा। वैसे ये पूरा सच नहीं है। असल में जब सरकार किसी उत्पाद के आयात पर बैन या रोक लगा देती है, तो इसका ये मतलब होता है कि अब उन उत्पादों का आयात देश के भीतर सिर्फ तभी किया जा सकेगा जब उसके लिए विशेष रूप से लाइसेंस या सरकार की अनुमति ली गई हो।
India restricts laptop and tablet imports: क्या कहता है नया नियम?
बता दें इस संबंध में विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से आज यानी 3 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की गई। इसमें कहा गया कि अगर किसी प्रकार की रिसर्च और डेवलपमेंट, टेस्टिंग, बेंचमार्किंग और रिपेयर आदि के मकसद से किए जा रहे आयात (इंपोर्ट) पर लाइसेंस के साथ प्रति कंसाइगमेंट 20 पीस तक आयात की अनुमति होगी।
साथ ही सरकार की ओर से जारी नोटिस में ये भी साफ कर दिया गया है कि ऑनलाइन पोर्टल, डाक या कूरियर के जरिए मंगाए जाने वाले एक लैपटॉप या टैबलेट या फिर पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर लाइसेंस की अनिवार्यता से छूट मिलेगी।
वैसे सरकार ने सूक्ष्म कंप्यूटर, बड़े कंप्यूटर और कुछ डाटा प्रोसेसिंग मशीनों को भी आयात से प्रतिबंध की श्रेणी में रखने का फ़ैसला किया है। इन सभी के आयात के लिए अब वैध लाइसेंस आवश्यक होगा। वैसे साफ पर दें कि यह प्रतिबंध बैगेज नियम के तहत लागू नहीं होगा।
क्यों उठाया गया कदम?
भारत सरकार की मानें तो इस कदम के बाद भारत के भीतर चीन जैसे देशों से भारी मात्रा में होने वाले आयात के आँकड़ो में कमी आएगी और इसकी बजाए देश के भीतर निर्मित वस्तुओं को बढ़ावा मिलेगा।
जाहिर है, इससे देश में उत्पादन बढ़ेगा, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और साथ ही साथ अर्थव्यवस्था के नरजिए से भी जीडीपी को मज़बूती मिलने की संभावना जताई जा रही है।
भारत सरकार अपनी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव (PLI) स्कीम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स व अन्य तमाम क्षेत्रों में स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना देने के लिए भारी प्रोत्साहन राशि दे रही है। हाल में आईटी हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग में निवेश को आकर्षित करने के लिए भी सरकार के कई ठोस कदम उठाए हैं।
सरकार आगामी साल 2026 तक $300 बिलियन के प्रोडक्शन लक्ष्य को हासिल करने की योजना बना रही है।