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प्री-इंस्‍टॉल ऐप्स से मिलेगी निजात, भारत सरकार जल्द ला सकती है ये नए नियम?

प्री-इंस्‍टॉल ऐप्स से मिलेगी निजात, भारत सरकार जल्द ला सकती है ये नए नियम?

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New Rules for Pre-Installed Smartphone Apps in India: अक्सर हम सब जब भी कोई नया स्मार्टफोन खरीदते हैं, तो उसमें कुछ ऐप्स पहले से ही इंस्‍टॉल हुए मिलते हैं, जिन्हें तकनीकी दुनिया में ‘प्री-इंस्‍टॉल ऐप्स’ कहा जाता है। इनमें से कुछ तो भले काम के होते हैं, लेकिन तमाम ऐसे ऐप्स भी होते हैं, जिनका शायद ही हम कभी उपयोग करते हैं।

लेकिन इसके बाद भी आप चाह कर इन प्री-इंस्‍टॉल ऐप्स को मोबाइल से डिलीट नहीं कर पाते हैं, क्योंकि फोन ऐसे करने की इजाजत ही नहीं देता। लेकिन ऐसा लगता है कि भारत में जल्द ये तस्वीर बदलने वाली है।

असल में भारत सरकार स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम को अधिक सुरक्ष‍ित बनाने के मकसद से साथ, प्री-इंस्‍टॉल ऐप्स के संबंध में नए न‍ियम बनाने जा रही है।

इस बात का खुलासा Reuters की एक नई रिपोर्ट में मामले के जानकार सूत्रों के हवाले से किया गया है। खबर के मुताबिक, प्रस्तावित नए नियमों के तहत स्मार्टफोन निर्माताओं को ‘प्री-इंस्‍टॉल ऐप्स’ को डिलीट कर सकने की सुविधा मुहैया करवाने के निर्देश दिए जा सकते हैं।

इतना ही नहीं बल्कि स्मार्टफोन निर्माताओं को ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट की अनिवार्य स्क्रीनिंग जैसे प्रावधानों की बात सामने आई है।

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बताया जा रहा है कि इन नए नियमों संबंधित ब्‍योरे को पहले कहीं भी सार्वजन‍िक नहीं क‍िया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि Samsung, Xiaomi, Vivo और Apple जैसे ब्रांड्स को नुकसान से बचने के ल‍िए प्रोडक्ट लॉन्च तारीखों को आगे बढ़ाना पड़ सकता है।

जाहिर है, इसके चलते इन कंपनियों को दुनिया के दूसरे सबसे बाद स्मार्टफोन बाजार यानी भारत में प्री-इंस्टॉल ऐप्स के जरिए होने वाले कमाई से हाथ धोना पड़ सकता है।

सामने आया है कि केंद्रीय सूचना तकनीक मंत्रालय यानी आईटी मंत्रालय की ओर से इन नए नियमों को तैयार किया जा रहा है।

Pre-Installed Apps New Rule in India –  क्या है वजह?

रिपोर्ट में सामने आई जानकारियों के अनुसार, केंद्रीय आईटी मंत्रालय ने यह कदम जासूसी और उपयोगकर्ता डेटा के दुरुपयोग जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उठाया है।

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लेकिन हम साफ कर दें कि सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से इस विषय में कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।

बीतें कुछ सालों पर गौर करें तो सरकार ने लगातार राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए, TikTok समेत 300 से अधिक चीनी ऐप को बैन किया है। और फिलहाल TikTok दुनिया भर में जासूसी संबंधी आरोपों को लेकर तमाम सरकारों की निगाहों पर चढ़ा हुआ है।

वैश्विक स्तर पर कई दिग्गज देश कई बड़ी चीनी कंपनियों पर बीजिंग के लिए विदेशी नागरिकों की जासूसी करने का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन चीन इन आरोपों से हमेशा इनकार करता रहा है।

यह विषय इसलिए भी इतना अहम हो जाता है क्योंकि भारत में Xiaomi, Vivo, Oppo जैसी कई चीनी किफायती ब्रांड एक व्यापाक हिस्सेदारी रखती हैं, और इनके फोनों पर आज भी तमाम प्री-इंस्टॉल ऐप्स देखी जा सकती हैं, जिन्हें आप चाह कर भी डिलीट नहीं कर सकते।

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