Angel Tax Not Applicable On Indian Startups: भारत सरकार द्वारा नए बजट 2023 में ‘एंजेल टैक्स’ को फिर से शुरू करने के प्रावधान को लेकर भारतीय में स्टार्टअप ईकोसिस्टम में काफी चर्चा होने लगी है। स्टार्टअप ईकोसिस्टम से जुड़े तमाम जानकार इसको लेकर कई तरह के संशय व संभावनाओं को लेकर चर्चा करने लगे हैं।
लेकिन अब इन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव, अनुराग जैन ने गुरुवार को की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार द्वारा बजट 2023 -24 में लाए गए ‘एंजेल टैक्स’ संबंधित प्रावधान भारतीय स्टार्टअप्स पर लागू नहीं होंगे।
DPIIT के सचिव ने यह कहा कि सरकार ने बस भारतीय स्टार्टअप्स में पैसा निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों को मिलने वाली तरजीह को खत्म करने की कोशिश की है, जिससे टैक्स के लिहाज से घरेलू निवेशकों के लिए भी एक जैसा माहौल तैयार किया जा सके।
Angel Tax Not Applicable To Startups: DPIIT Secretary
इस बीच DPIIT के सचिव, अनुराग जैन ने यह भी साफ किया कि अभी भी घरेलू निवेशकों के लिए मौजूद नियमों के समान ही, विदेशी निवेशकों को भी, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में निवेश करते समय, किसी भी एंजेल टैक्स का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
उन्होंने कहा;
“एंजेल टैक्स भारतीय स्टार्टअप्स के लिए नहीं है। मैं स्पष्ट करना चाहूँगा कि आयकर अधिनियम की धारा 56(2) VII B में दो प्रावधान थे, जिनमें से एक में विदेशी निवेशकों को तरजीह दी गई थी। घरेलू और विदेशी, दोनों निवेशकों को एक समान अवसर प्रदान करने के लिए, केवल इसे खत्म किया जा रहा है।”
“DPIIT द्वारा पंजीकृत स्टार्टअप में निवेश करने वाले दोनों में से किसी भी प्रकार के निवेशकों को तथाकथित एंजेल टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा।”
आपको बता दें धारा 56(2) को असल में आज से लगभग 11 साल पहले पेश किया गया था, जिसका मकसद गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में बड़े प्रीमियम के साथ निवेश के जरिए से काले धन को सफेद करने जैसे दुरुपयोगों को रोकना था। इस धारा को करीब 7 साल पहले (साल 20216 में) भारतीय स्टार्टअप्स के लिए भी लागू किया गया था।
क्यों अचानक होने लगी एंजेल टैक्स (Angel Tax) पर चर्चा?
असल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बीते दिनों आम बजट 2023-24 पेश करने के तुरंत बाद ही सरकार ने वित्त विधेयक 2023 में एंजेल टैक्स को फिर से पेश करने का ऐलान किया।
असल में पहली बार साल 2012 में एंजेल टैक्स को पेश किया था, जैसा हमनें पहले ही ऊपर बताया, तब मनी लॉन्ड्रिंग और राउंड-ट्रिपिंग जैसी अनुचित प्रथाओं को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया था।
लेकिन वित्त विधेयक 2023 में एंजेल टैक्स का जिक्र आते ही, निवेशकों और स्टार्टअप्स के बीच संशय पैदा होने लगा था, वो भी ऐसे वक्त में जब पहले से ही बाजार में निवेश डील लगभग ना के बराबर हो रही हैं, जिसे फंडिंग विंटर तक का नाम दे दिया गया है।
मौजूदा हालातों का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि तमाम रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2022 में भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा कुल $25 बिलियनका निवेश हासिल किया गया, जबकि साल 2021 में यह आँकड़ा $44 बिलियन था।