संपादक, न्यूज़NORTH
Google Announces Major Changes for Android in India: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा अक्टूबर 2022 में लगाए गए भारी जुर्मानों के बाद, टेक दिग्गज गूगल (Google) लगातार ये कहती रही कि CCI के निर्देशों का पालन करने से भारत में स्मार्टफोन की कीमतें बढ़ जाएँगी और तो और लोगों की प्राइवेसी आदि को भी खतरा पैदा होगा।
इस बीच Google ने सीसीआई के फैसले को पहले राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल या NCLAT) और फिर सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी। लेकिन दोनों ही जगहों से कंपनी के पक्ष में फैसला ना आता देख, अब मानों Google ने सीसीआई के आदेशों को मान लेने में भी समझदारी समझी है।
जाहिर है देश के सर्वोच्चतम अदालत द्वारा पिछले ही हफ्ते सीसीआई के आदेश पर रोक लगाने से मना करने के बाद, ये अंदेशा जताया जाने लगा था कि Google सीसीआई के फैसले को ध्यान में रखते हुए, देश में अपनी सेवा शर्तों में कुछ अहम बदलाव कर सकती है।
जी हाँ! अमेरिकी टेक दिग्गज ने बुधवार को एक ऐलान करते हुए कहा कि वह भारत में अपने एंड्रॉयड (Android) लाइसेंस और प्ले स्टोर (Play Store) बिलिंग से संबंधित कुछ शर्तों को बदलने जा रही है।
Google द्वारा भारत में किए जा रहे इन बदलावों की बात करें तो अब स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियाँ अपने फोनों में प्री-इंस्टॉलेशन के लिए Google के अलग-अलग ऐप्स के लिए अलग-अलग लाइसेंस ले सकेंगीं। मतलब ये जरूरी नहीं होगा कि अगर स्मार्टफोन ब्रांड सिर्फ चुनिंदा Google ऐप्स को ही फोन में जगह देना चाहती है, तो Google उस पर अन्य ऐप्स को भी प्री-इंस्टॉल करने का दबाव बना सके।
इतना ही नहीं बल्कि भारतीय एंड्रॉयड उपयोगकर्ता अब खुद अपना डिफॉल्ट सर्च इंजन भी चुन सकेंगे। इसका सीधा सा मतलब ये है कि कोई भी नया फोन या टैबलेट लेने पर, अब उपयोगकर्ताओं को डिफॉल्ट सर्च इंजन के रूप में Chrome को चुनना पड़े, ऐसा जरूरी नहीं है।
Google ने साझा किए गए अपने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा;
“हम भारत के कानूनों और रेग्युलेशंस का पालन करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरी गंभीरता से लेते रहे हैं। हमारी एंड्रॉयड (Android) और प्ले स्टोर (Play Store) सेवाओं से संबंधित CCI के हालिया निर्देशों की वजह से, हमें भारत के लिए अपनी सेवा शर्तों में कुछ अहम बदलाव करने होंगे।”
इसके साथ ही Google ने बताया है कि कंपनी की ओर से CCI को यह सूचना दे दी गई है कि वह उनके निर्देशों का पालन किस प्रकार से करेगी।
Google Changes Android Policy in India: क्या था CCI का आदेश?
याद दिला दें, अक्टूबर 2022 को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को अपनाने का दोषी मानते हुए, गूगल इंडिया (Google India) पर लगभग ₹1,338 करोड़ का जुर्माना लगाया था।
इसके कुछ ही दिनों बाद भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने प्ले स्टोर (Play Store) पॉलिसी को लेकर बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने का दोषी पाते हुए Google पर ₹936.44 करोड़ का जुर्माना लगाया था।
इसके साथ ही CCI ने कंपनी को अपनी सेवा शर्तों में कुछ अहम बदलाव करने के भी निर्देश दिए थे, जिससे इसके एकाधिकर पर अंकुश लगाया जा सके।
इसके पहले Google ने बताए थे इन बदलावों के संभावित नतीजें?
कुछ ही हफ़्ते पहले Google की ओर से एक एक ब्लॉग पोस्ट में यह बताया गया था कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के निर्देशों की वजह से स्मार्टफोनों के लिए कंपनी के पेटेंट एंड्रॉइड (Android) ऑपरेटिंग सिस्टम के ‘अलग- अलग वर्जन’ बनने लगेंगे और एंड्रॉइड (Android) के ये वर्जन Google को स्मार्टफोन व अन्य डिवाइसों को सुरक्षित बनाने से रोकेंगे क्योंकि वे कंपनी द्वारा प्रदान की जाने वाली “प्राइवेसी और उपयोगकर्ता सुरक्षा” फीचर्स को सपोर्ट नहीं करेंगें।
कंपनी ने इस मुद्दे को विस्तार से बताते हुए लिखा;
“ये नए संभावित एंड्रॉइड वर्जन, Google द्वारा प्रदान की जाने वाली ‘उपयोगकर्ता सुरक्षा’ फीचर्स का सपोर्ट नहीं करेंगे, इसलिए ऐसे डिवाइसों की सुरक्षा संबंधित जिम्मेदारी (OEMs ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर) पर आएगी। ऐसे में OEMs के लिए यह आवश्यक हो जाएगा कि वह लगातार हर साल बड़े पैमाने पर निवेश करें और उपयोगकर्ता सुरक्षा फीचर्स को अपग्रेड करते रहें।”
ऐसे में साफ है अगर OEMs पर खर्चो का भार बढ़ता है तो वे इसको सीधे तौर पर ग्राहकों से वसूलेंगे, जिसका एक ही जरिया है कि स्मार्टफोनों की कीमतें बढ़ाई जाएँ।