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एडटेक स्टार्टअप Klassroom Edutech ने हासिल किया लगभग ₹7.5 करोड़ का निवेश

एडटेक स्टार्टअप Klassroom Edutech ने हासिल किया लगभग ₹7.5 करोड़ का निवेश

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Startup Funding – Klassroom Edutech: भारत के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में एडटेक जगत बीते कुछ सालों में सबसे अधिक सुर्खियाँ बटोरने वाले सेगमेंट्स में से एक रहा है।

और इसी क्रम को बनाए रखते हुए अब भारत के पहले हाइब्रिड ट्यूटरिंग प्लेटफॉर्म मानें जाने वाले, Klassroom Edutech ने हाल ही में $1 मिलियन (लगभग ₹7.5 करोड़) का निवेश हासिल किया है।

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कंपनी को यह निवेश ah! Ventures के नेतृत्व में मिला। साथ ही इस निवेश दौर में कुछ अन्य संस्थागत निवेशक जैसे – StartupLanes और Startup Angels Network भी शामिल रहे।

इतना ही नहीं बल्कि निवेश दौर में कुछ दिग्गज व्यक्तिगत निवेशकों ने भी भागीदारी दर्ज करवाई, जिनमें पवन बकेरी (प्रबंध निदेशक, Bakeri Group), चंद्रू चावला (कार्यकारी वीपी, Cipla), विराज शाह (संस्थापक, VBS Diamonds) आदि शामिल रहे।

मुंबई आधारित Klassroom की शुरुआत साल 2016 में अलका जावेरी (Alka Javeri,), ध्रुव जावेरी (Dhruv Javeri) और धुमिल जावेरी (Dhumil Javeri) ने मिलकर की थी।

Klassroom Edutech

यह एडटेक स्टार्टअप मुख्य रूप से कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करता है। साथ ही साथ इसके प्लेटफॉर्म पर आईआईटी-जेईई (IIT-JEE,), एनईईटी (NEET), सीए (CA), सीएस (CS) समेत अन्य शीर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करवाई जाती है।

कंपनी के अनुसार, यह लगातार प्लेटफॉर्म पर नए पाठ्यक्रमों को जोड़ रही है। इस स्टार्टअप ने अपनी हाइब्रिड बिजनेस रणनीति के साथ छात्रों को एक लचीलापन प्रदान करता है, जिसमें फिजिकल ट्यूटरिंग के लिए रजिस्टर करने वाले छात्र भी ऑनलाइन/लाइव ट्यूटरिंग तक पहुँच हासिल कर सकते हैं।

भारत में लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत Klassroom अब केंद्र सरकार और अन्य कुछ राज्य सरकारों के साथ मिलकर देश भर में विभिन्न सामाजिक और शैक्षिक प्रोजेक्ट्स को भी समर्थन दे रहा है, ताकि उन शिक्षकों को प्रशिक्षित और उन्नत किया जा सके, जिसके चलते करीब 10 लाख छात्रों पर भी इसका सकारात्मक असर होगा।

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इस निवेश को लेकर कंपनी की सह-संस्थापक, अलका ने कहा;

“हाइब्रिड लर्निंग माता-पिता, शिक्षकों और छात्रों के लिए पढ़ाई और सीखनें-सीखाने की प्रक्रिया को बेहद आसान बना देती है। इससे ना सिर्फ एक प्रकार का लचीला मिलता है, बल्कि यह शिक्षा के दायरे को भी बढ़ाता है।”

वहीं इस पर स्टार्टअप के सह-संस्थापक, ध्रुव जावेरी ने कहा;

“ऑफलाइन लर्निंग सेंटर की खोज से शुरू होने वाले और वास्तविक नामांकन के साथ पूरा होने वाले एडमिशन लाइफ-साइकिल में हमारे नए टेक समाधानों के जरिए अहम बदलाव किए गए हैं। हमारी मजबूत तकनीक पकड़ और व्यापक कंटेंट के चलते हमारे केंद्रों में छात्रों को कम से कम शुल्क के साथ शानदार हाइब्रिड लर्निंग अनुभव मिलता है। हर दिन हमारे साथ कई स्थानीय स्टार संस्थान जुड़ रहे हैं।”

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