Now Reading
सरकार द्वारा की गई जांच के मुताबिक़, ‘बैटरियों में खराबी के चलते ‘ई-स्कूटरों’ में लग रही है आग’ – रिपोर्ट

सरकार द्वारा की गई जांच के मुताबिक़, ‘बैटरियों में खराबी के चलते ‘ई-स्कूटरों’ में लग रही है आग’ – रिपोर्ट

faulty-battery-responsible-for-e-scooter-fires-incidents

Is faulty battery responsible for e-scooter fires? एक ओर जहाँ भारत तेज़ी से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रूख कर रहा है, वहीं इस दिशा में सब कुछ इतना आसान भी नज़र नहीं आता है। ख़ासकर अगर बात इलेक्ट्रिक स्कूटरों की करी जाए।

असल में हाल के दिनों में देश भर में कई जगह से इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने और लोगों के ज़ख़्मी तक होने की ख़बरें सामने आई हैं।

ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)

इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटनाओं में कई लोग गंभीर रूप घायल हुए और कुछ को तो अपनी जान तक गँवानी पड़ी। जैसे मार्च के महीने में एक घटना सामने आई, जिसमें रात भर बैटरी चार्ज करने के दौरान आग लगने के चलते फैले धुएं से दम घूँटने के कारण एक पिता और उनकी बेटी की मौत हो गई थी।

ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों की भविष्य को लेकर तमाम तरीक़े के सवाल उठने लगे, जिसके बाद सरकार ने इसको गंभीरता से लिया।

इस बीच भारत के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ई-स्कूटर बनाने वाली कंपनियों को खराब स्कूटर के बैचों को वापस बुलाने तक की सलाह दे दी थी।

faulty-battery-responsible-for-e-scooter-fires-incidents

लेकिन इन सब के बीच सरकार ने एक औपचारिक जांच भी शुरू करवाई थी, जिसको लेकर अब कथित रूप से कुछ प्रारंभिक तथ्य सामने आए हैं।

Faulty battery responsible for e-scooter fires?

असल में Reuters की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, सरकार द्वारा करवाई गई प्रारंभिक जाँच में ये सामने आया है कि ई-स्कूटरों में अपने आप आग लगने की घटनाओं के पीछे ख़राब बैटरी सेल और मॉड्यूल ज़िम्मेदार हैं।

बताया ये जा रहा है कि जाँच के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय समिति ने मुख्य रूप से 3 इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों – Ola Electric, Okinawa और Pure EV के वाहनों से संबंधित आग की घटनाओं की जाँच की थी।

उम्मीद ये जताई जा रही है कि इस जाँच रिपोर्ट को आगामी दो हफ़्तों में प्रकाशित किया जा सकता है। दिलचस्प रूप से कथित तौर पर रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि “Ola के मामले में बैटरी सेल के साथ ही साथ बैटरी मैनेजमेंट प्रणाली में भी समस्या पाई गई।

See Also
moto-g14-launched-in-india

वहीं Okinawa के इलेक्ट्रिक वाहनों में कथित रूप से सेल और बैटरी मॉड्यूल के साथ समस्या दर्ज की गई, वहीं PureEV के मामले में बैटरी केसिंग से जुड़ी समस्या सामने आई है।

इस बीच कुछ समय पहले ही Ola ने इस घटनाओं का संज्ञान लेते हुए जहाँ अपने 1,441 स्कूटरों के एक बैच को वापस जाँच हेतु बुलाया था, वहीं Okinawa ने भी बैटरी से संबंधित समस्याओं को ठीक करने के लिए अपने क़रीब 3,215 PraisePro इलेक्ट्रिक स्कूटरों को वापस मंगाया था।

वैसे अब ये अनुमान लगाया जा रहा है कि रिपोर्ट के सामने आने के बाद केंद्र सरकार अब इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के ऊपर मुख्य रूप से बैटरियों की गुणवत्ता को सुधारने के निर्देश दे सकती है।

ज़ाहिर है भारत इस वक्त तेज़ी से अपने इलेक्ट्रिक वाहनों संबंधित लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयास कर रहा है, जिसके तहत एक लक्ष्य साल 2027 तक इस इंडस्ट्री को लगभग $15 बिलियन तक ले जाने का है।

लेकिन ऐसी तमाम घटनाओं को देखते हुए ऐसा लगता है कि अभी भी इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित प्रक्रियाओं में थोड़े सुधार की ज़रूरत है।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.