संपादक, न्यूज़NORTH
Zomato Food Quality Policy: कुछ भारतीय स्टार्टअप ऐसे हैं जो किन्ही न किन्ही वजहों से ख़बरों में बने रहते हैं, और उनमें से एक नाम फ़ूड डिलीवरी स्टार्टअप Zomato का भी है। दरसल बीते कुछ दिनों से Zomato अपनी फ़ूड क्वॉलिटी पॉलिसी (Food Quality Policy) को लेकर काफ़ी सुर्ख़ियाँ बटोर रहा है।
पर अब नए अपडेट के मुताबिक़ कंपनी ने तमाम आलोचनाओं के बीच अब ‘फ़ूड क्वॉलिटी पॉलिसी’ को 3 मई तक के लिए टाल दिया है।
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जी हाँ! Business Standard की एक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि कंपनी ने अपने रेस्टोरेंट पार्टनर्स को एक ईमेल में नई पॉलिसी को लेकर 22 अप्रैल तक सभी से फ़ीडबैक देने का अनुरोध किया है।
ज़ाहिर है शेयर बाज़ार में लिस्टेड यह कंपनी अब किसी भी तरह के विवाद में नहीं फँसना चाहती है।
क्या है Zomato की नई फ़ूड क्वॉलिटी पॉलिसी?
हाल ही में गुरुग्राम आधारित इस कंपनी की इस नई पॉलिसी के तहत यह सामने आया था कि कंपनी भोजन या पेय पदार्थों की गुणवत्ता के बारे में ग्राहक द्वारा प्राप्त की गई शिकायत (जो संभावित रूप से ग्राहक के स्वास्थ्य के को नुकसान पहुंचा सकती है) को ‘गंभीर फ़ूड क्वॉलिटी शिकायत’ के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
और शिकायत की प्रकृति को देखते हुए, कंपनी अस्थायी रूप से प्लेटफ़ॉर्म पर उस रेस्टोरेंट को ऑर्डर प्राप्त करने से बैन कर देगी, और यह बैन तब तक चलेगा, जब तक कंपनी FSSAI अधिकृत किसी थर्ड पार्टी द्वारा उस रेस्टोरेंट का निरीक्षण व जाँच पूरी ना करवा ले।
ET की एक रिपोर्ट की मानें तो कंपनी इस ने फ़ूड क्वॉलिटी पॉलिसी को 18 अप्रैल से लागू करने का मन बना रही थी, लेकिन इसके बाद से ही इसको लेकर तमाम आलोचनाएँ सामने आने लगी, और इसलिए अब कंपनी ने सम्भवतः इसको 3 मई तक के लिए टालने का काम किया है।
Zomato का कहना है कि
“इस पॉलिसी से संबंधित मामले काफ़ी ‘दुर्लभ’ (लगभग 0.001%) तक सिमटे होते हैं। पर इसके बाद भी अगर इन मुद्दों को अनदेखा कर दिया जाए तो यह लंबे समय के लिए ग्राहकों के भरोसे और रेस्टोरेंट की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है।”
इसके अलावा सामने ये भी आया है कि Zomato की इस नई पॉलिसी में शिकायतों का कुछ आयामों में वर्गीकरण भी किया गया था, जिसके अनुसार ही कंपनी कोई न कोई क़दम उठाती नज़र आती।
जैसे नए पैमानें के मुताबिक़, प्री-पैकेज फ़ूड आइटम जिसकी Expiry Date हो चुकी हो, या शाकाहारी खाने के ऑर्डर की जगह गलत रूप से मांसाहारी भोजन भेजना आदि योग्य शिकायतों के रूप में चिन्हित किया जाएगा।
पॉलिसी की आलोचनाएँ हुईं शुरू!
एक तरफ़ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ जहाँ भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) फ़ूड एग्रीगेटर Zomato के इस क़दम से संतुष्ट है, वहीं नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के नेतृत्व में रेस्टोरेंट भागीदारों ने इसकी आलोचना शुरू कर दी है।
उनका कहना है कि Zomato अपने अधिकार क्षेत्र से आगे बढ़ने के प्रयास कर रही है क्यों ये कंपनी रेस्टोरेंट की जाँच आदि करने के लिए किसी भी रूप में अधिकृत इकाई नहीं है।
साथ ही उनका एक तर्क यह भी है कि फ़ूड आइटम की तस्वीरों में हेरफेर करके आसानी से इस प्रक्रिया का गलत फ़ायदा उठाया जा सकता है और इसलिए कहीं न कहीं ऐसी शिकायतों की जांच की प्रक्रिया पर भी सवाल उठ सकता है।
इस मुद्दा इसलिए भी और अहम हो गया है क्योंकि इस हफ्ते की शुरुआत में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने फूडटेक प्लेटफॉर्म Zomato और Swiggy के ख़िलाफ़ जांच का आदेश दिया था और अपने डायरेक्टर जनरल (डीजी) को 60 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे।