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बायो-फ्यूल मार्केटप्लेस स्टार्टअप Buyofuel ने Inflection Point Ventures से हासिल किया ₹1.6 करोड़ का निवेश

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Startup Funding – Buyofuel: बायो-फ्यूल मार्केटप्लेस स्टार्टअप Buyofuel ने गुरुवार को यह जानकारी दी कि इसने Infection Point Ventures के नेतृत्व में अपने सीड फ़ंडिंग राउंड में ₹1.6 करोड़ हासिल किए हैं।

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और अब इस स्टार्टअप का कहना है कि यह इस नए फंड का इस्तेमाल मार्केटिंग गतिविधियों को टेज करने, प्लेटफ़ॉर्म को तकनीकी रूप से और बेहतर बंने और बिजनेस डेवलपमेंट के प्रयासों को तेज करते हुए नए साझेदार ढूँढने में करेगा।

कौन-कौन सी सुविधाएँ प्रदान करता है Buyofuel?

शुरुआत की बात करें तो इस कंपनी की नीव साल 2020 के मध्य में किशन करुणाकरण (Kishan Karunakaran), वेंकटेश्वरन सेलवन (Venkateswaran Selvan), सुमंत कुमार (Sumanth Kumar) और प्रसाद पी नायर (Prasad P Nair) के द्वारा की गई थी।

चेन्नई के कोयंबटूर आधारित Buyofuel असल में अपने प्लेटफ़ॉर्म पर एक ही जगह ‘कच्चे माल के एग्रीगेटर्स’, ‘जैव ईंधन निर्माताओं’, ‘ईंधन उपभोक्ताओं’ और वेएस्ट (Waste) जनरेटर को कनेक्ट करने का काम करता है।

फ़िलहाल यह स्टार्टअप 500 से अधिक रजिस्टर्ड उपयोगकर्ता आधार रखता है, और प्रति दिन लगभग 800 KL  से अधिक बायोडीजल, 800 मीट्रिक टन ठोस बायो फ़्यूल और 1000 मीट्रिक टन तक जैविक अपशिष्ट की आपूर्ति क्षमता रखता है।

कंपनी के ग्राहकों की सूची पर नज़र डालें तो इसमें Ramco Cements, Ultratech Cements, Valeo, और Thermax जैसे कुछ दिग्गज़ नाम शुमार हैं।

Buyofuel का दावा है कि कंपनी आने वाले 12 महीनों में भारत में बायो-फ़्यूल (जैव ईंधन) के सबसे बड़े स्रोत/प्लेटफ़ॉर्म के रूप में उभरना चाहती है, और इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है।

Startup Funding News (Hindi): Buyofuel

इस बीच इस नए निवेश को लेकर Buyofuel के सीईओ, किशन करुणाकरण ने कहा;

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“Infection Point Ventures के साथ आने से पूँजी के साथ ही साथ और भी बहुत सी चीज़ों को लेकर मज़बूती मिली है। सभी क्षेत्रों में इनका व्यापक नेटवर्क हमें बाजार में कुछ अहम कनेक्शन और साझेदारी स्थापित करने का अवसर देगा।”

ये इसलिए भी दिलचस्प हो जाता है क्योंकि हाल ही में ही COP26 जलवायु सम्मेलन में दुनिया भर के देशों के प्रतिनिधियों ने तेज़ी से हो रहे जलवायु परिवर्तन को लेकर चिन्ताएँ व्यक्त की हैं और साथ ही इससे निपटने के तरीकों की ओर भी अपने-अपने प्रयासों को तेज करने का ऐलान किया है।

कई देशों ने शून्य-कार्बन उत्सर्जन तक के लक्ष्य को जल्द से जल्द हासिल करने तक की प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है और कई मोर्चों पर पर्यावरण के अनुकूल मानें जाने वाले ग्रीन फ़्यूल के इस्तेमाल को बढ़ाने की भी योजना बनाई है।

ऐसे में जैव ईंधन (Biofuels) को कोयले, तेल और अन्य जीवाश्म ईंधन के एक बेहतरीन विकल्प के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि यह न सिर्फ़ सस्ता है बल्कि isse पर्यावरण को भी कम से कम हानि होती है।

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