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जुलाई 2021 में UPI ट्रांजैक्शन वैल्यू हुई दोगुनी, आँकड़ा ₹6.06 लाख करोड़ के पार

जुलाई 2021 में UPI ट्रांजैक्शन वैल्यू हुई दोगुनी, आँकड़ा ₹6.06 लाख करोड़ के पार

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Rs 6.06 lakh crore UPI transaction in July: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के ताजे आँकड़ो पर ग़ौर करें तो, देश में तेज़ी से लोकप्रिय हो रहे यूनिफ़ाईड पेमेंट इंटरफ़ेस यानि UPI लेन-देन में एक बार फिर से हैरान करने वाली वृद्धि दर्ज की गई। असल में जुलाई 2021 में UPI लेनदेन की क़ीमत पिछले साल की तुलना में दोगुनी से अधिक होती नज़र आई।

इतना ही नहीं बल्कि दिलचस्प ये है कि समान आवधि के लिए कार्ड द्वारा भुगतान के आँकड़ो को देखें तो इनमें जुलाई महीने में 42% का ही इज़ाफ़ा देखने को मिला। ये साफ़ संकेत है कि अब अधिकतर लोग कॉर्ड पेमेंट से पहले UPI को प्राथमिकता देने लगे हैं।

UPI transaction value doubled to Rs 6.06 lakh crore in July

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, अगर ये देखें की जुलाई महीने में कुल कितने रुपए के UPI लेनदेन हुए तो ये आँकड़ा क़रीब ₹6.06 लाख करोड़ के पार जाता नज़र आता है। जबकि एक महीने पहले यानि जून में यही आँकड़ा ₹5.47 लाख करोड़ था, जो एक साल पहले ₹2.91 लाख करोड़ था।

वहीं जुलाई में कॉर्ड पेमेंट के ज़रिए क़रीब ₹1.36 लाख करोड़ का लेनदेन देखनें को मिला, जो अप्रैल के बाद से सबसे अधिक था। ज़ाहिर रूप से ये आँकड़ा पिछले साल के ₹95,883 करोड़ से कहीं अधिक है, इसलिए शायद इसको अर्थव्यवस्था में सुधार के रूप में भी देखा जा रहा है।

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इस बीच नए आँकड़ो पर ग़ौर करें तो UPI प्लेटफॉर्म में इस्तेमाल के लिहाज़ से क़रीब 109% की उछाल देखने को मिली।

वैसे ये स्वाभाविक भी है क्योंकि आजकल आपनें भी शायद ग़ौर किया ही होगा कि हमारे आसपास स्थानीय किराना और अन्य छोटी-बड़ी दुकानों आदि पर खरीदारी के लिए डिजिटल भुगतान का चलन बढ़ा है, जिसमें UPI प्लेटफ़ॉर्म ने एक विश्वसनीय विकल्प के रूप में जगह बनाई है।

पर ध्यान देने वाली बात ये है कि अर्थव्यवस्था के वापस पटरी पर आने के मिलते संकेतों के बाद भले कॉर्ड पेमेंट या कॉर्ड के ज़रिए लेनदेन में वृद्धि हुई है, लेकिन UPI के मुक़ाबले तुलना करने पर ये वृद्धि उतनी प्रभावशाली नज़र नहीं आती है।

बैंकों आदि का भी मानना ये है कि ग्राहक का रूझन कॉर्ड के ज़रिए लेनदेन के बजाए UPI पेमेंट विकल्प की ओर अधिक नज़र आने लगा है, शायद इसका एक बड़ा कारण है कि लोगों को सिर्फ़ मोबाइल के ज़रिए दूसरे के नंबर या क्यूआर कोड कि स्कैन करके पेमेंट करने की सहूलियत मिल जाती है, जो कहीं न कहीं उनका समय बचाती है।

इस बीच कार्ड का इस्तेमाल करके पेमेंट करने वाली की संख्या एक साल पहले के 450 मिलियन की तुलना में बढ़ते हुए 520 मिलियन हो गई है।

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वॉल्यूम के हिसाब से देखा जाए तो वॉलेट और UPI प्लेटफॉर्म पर किए गए डिजिटल भुगतान जुलाई में बढ़कर क़रीब $3.25 बिलियन पहुँच गए हैं, जो एक साल पहले $1.5 बिलियन थे।

पर आँकड़ो में वृद्धि के साथ ही साथ सरकार और RBI निरंतर डिजिटल भुगतान प्रणालियों को देश के गाँव और कोने-कोने तक पहुँचानें के प्रयास कर रहें हैं और इसके लिए इंटरनेट जैसी बुनियादी ज़रूरतें और किफ़ायती स्मार्टफ़ोन अहम रोल अदा करते हैं।

RBI ने अपनी हालिया वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि देश में विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग रफ़्तार से डिजिटल पेमेंट की ओर लोगों का रुझान बढ़ा है।

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि डिजिटल पेमेंट ख़ासकर UPI लेनदेन को लोकप्रिय बनाने में कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन आदि भी बड़े कारण रहें हैं।

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