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सरकार ने किया BharatNet ‘ब्रॉडबैंड विस्तार’ के लिए ₹19,041 करोड़ के अतिरिक्त फंड का ऐलान

सरकार ने किया BharatNet ‘ब्रॉडबैंड विस्तार’ के लिए ₹19,041 करोड़ के अतिरिक्त फंड का ऐलान

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Nirmala Sitharaman on BharatNet: भारत के वित्त मंत्रालय ने BharatNet PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत देश के सभी शेष गांवों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट (Broadband Internet) को पहुंचाने के लिए 19,041 करोड़ रुपये के अतिरिक्त पैकेज का ऐलान किया है। इस बात की घोषणा आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की।

आपको बता दें सरकार 2017 में पहले ही इस प्रोजेक्ट को मंज़ूरी देते हुए इसके लिए ₹42,068 करोड़ की राशि का ऐलान कर चुकी थी।

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लेकिन अब इस नए फंड के साथ, सरकार द्वारा इस BharatNet PPP मॉडल के लिए अब तक जारी की गई कुल राशि ₹61,109 करोड़ पहुंच गई है।

Nirmala Sitharaman की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर BharatNet प्रोजेक्ट को लेकर ऐलान

वित्त मंत्रालय के दावे के अनुसार, देश भर की 2,50,000 ग्राम पंचायतों में से क़रीब 1,56,223 ग्राम पंचायतों को 31 मई, 2021 तक ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा से लैस कर दिया गया है।

वहीं पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही ये घोषणा कर चुके हैं कि आगामी 1000 दिनों में देश के सभी बसे हुए गांवों के लिए ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी की पहुँच सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा।

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ग़ौर करने वाली बात ये है कि इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने क़रीब 9 पैकेजों के बंडल के रूप में 16 राज्यों में इस BharatNet PPP मॉडल के क्रियान्वयन को लेकर क़दम उठाया है।

आज की गई अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कई अन्य अहम ऐलान भी किए।

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आपको याद होगा कि कोविड-19 महामारी के बाद सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को राहत देने के लिए ₹3 लाख करोड़ से अधिक के पैकेज का ऐलान किया था। लेकिन अब भारत सरकार ने इसमें ₹1.5 लाख करोड़ की बढ़ाेतरी कर दी है।

जी हाँ! इसका सीधा सा मतलब है कि अब कुल तौर पर MSMEs पर सरकार ₹4.5 लाख करोड़ का परिव्यय करती नज़र आएगी।

साथ ही अब आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत, 1 अक्टूबर, 2020 को पेश की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का विस्तार 31 मार्च 2022 तक के लिए करने का भी ऐलान आज कर दिया गया है।

इस योजना के तहत 1000 कर्मचारियों तक वाली कंपनियों में पीएफ के लिए नियोक्ता और एम्प्लॉई दोनों का हिस्सा केंद्र सरकार ही भरेगी। वहीं 1000 से अधिक एम्प्लॉई वाली कंपनियों में पीएफ के लिए एम्प्लॉई का 12% हिस्सा सरकार भरेगी।

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