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OTT Regulation Rule 2021: इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म (ओवर-द-टॉप या OTT) के सेल्फ़-रेग्युलेशन के लिए अब “डिजिटल पब्लिशर्स कंटेंट ग्रीवेंस काउंसिल (DPCGC)” नामक बॉडी बनाई है।
ज़ाहिर है ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट पब्लिशर्स (OCCPs) ने ये कदम असल में भारत सरकार द्वारा फ़रवरी में जारी किए गए Information Technology (Guidelines for Intermediaries and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021 नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया है।
असल में सरकार के नए नियमों के तहत सरकार ने सेल्फ़-रेगुलेशन के पहलुओं पर मंज़ूरी देते हुए शिकायतों के समाधान के लिए तीन-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र बनाने के निर्देश दिए थे।
IAMAI के अनुसार इसने DPCGC का गठन सरकार के नियम 12 के आधार पर तीन स्तरों में दूसरे-स्तर की सेल्फ़-रेग्युलेशन बॉडी के तौर पर किया है।
OTT Regulation Rule 2021: क्या है DPCGC? कैसे करेगा काम?
DPCGC में सदस्यों के रूप में OCCP के पब्लिशर्स से बनी एक काउंसिल और एक स्वतंत्र शिकायत निवारण बोर्ड (GRB) शामिल होगा, जिसमें एक अध्यक्ष और छह सदस्य होंगे।
GRB की अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे और सदस्यों में मीडिया और मनोरंजन इंडस्ट्री के प्रतिष्ठित व्यक्ति, बाल अधिकार, अल्पसंख्यक अधिकार और मीडिया कानून सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
GRB असल में इन OCCP परिषद के सदस्यों द्वारा आचार संहिता के पालन आदि पर नज़र रखेगा, और साथ ही उन्हें नियमों के बारे में सलाह आदि भी देगा। इस बॉडी को 15 दिनों के भीतर शिकायतों और अपीलों का समाधान निकालने का अधिकार व ज़िम्मेदारी दी गई है।
अब आप सोच रहें होंगे कि ये OCCP में कौन कौन से स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म अब तक जुड़ चुके हैं? तो आपको बता दें फ़िलहाल रिपोर्ट्स के मुताबिक़ Alt Balaji, Amazon Prime Video, Arha Media, Firework, Hoichoi, Hungama, Lionsgate Play, MX Player, Netflix और Shemaroo जैसे बड़े ओटीटी नाम इसमें शामिल हो चुके हैं।
क्या है OTT प्लेटफ़ॉर्मों को रेग्युलेट करने के लिए सरकार की सुझाई तीन-स्तरीय प्रणाली?
इन नए नियमों के तहत पहले तो हर OTT कंपनी के पास अपना एक सेल्फ़-रेगुलेशन तंत्र होगा, जिसको लेवल-I कह सकते हैं।
वहीं लेवल-II में एक सेल्फ़-रेगुलेशन बॉडी होगी, जिसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट या सप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगें, जो अब DPCGC के रूप में बनाया जा चुका है।
वहीं लेवल-III में एक निगरानी तंत्र होगा, जहां सरकार एक अधिकृत अधिकारी को नामित करेगी, जिसके पास कंटेंट के इस्तेमाल पर बैन लगाने की पावर होगी।