संपादक, न्यूज़NORTH
Google And Facebook Ready To Comply With IT Rules: गूगल (Google) और फ़ेसबुक (Facebook) दोनों ने बुधवार यानि 26 मई से भारत में लागू होने वाले नए आईटी नियमों (IT Rules) के पालन को लेकर अपनी सहमति व्यक्त की है।
सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक़ फ़ेसबुक (Facebook) ने नए नियमों को लेकर दी गई डेडलाइन के एक दिन पहले ही इन नियमों का पालन करने की बात कही है। असल में कंपनी के लिए ये इसलिए भी अहम है क्योंकि ये देश में तीन सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म, FB ऐप, Instagram और WhatsApp का संचालन करती हैं।
दिलचस्प ये है कि ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ सूत्रों का कहना है कि सरकार ने अभी तक नियमों के अनुपालन की सीमा बढ़ाने को लेकर कोई फ़ैसला नहीं किया है।
इस बीच रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के एक प्रतिनिधि ने कहा कि कंपनी लगातार नए नियमों, परिवर्तनों, संसाधनों और कर्मचारियों को लेकर लगातार निवेश कर रही है और इसके ज़रिए पूरा मक़सद यह है कि प्लेटफ़ॉर्म पर प्रभावी और निष्पक्ष तरीके से अवैध कंटेंट को लेकर कार्यवाई की जा सके और कंपनी स्थानीय कानूनों का पालन सुनिश्चित कर सके।
इस बीच मंगलवार को गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी भारतीय क़ानूनों का सम्मान करती है, और अवैध कांटेंट को लेकर कंपनी ने हमेशा से ही सरकार का सहयोग किया है।
ग़ौर करने वाली बात ये भी है कि कथित रूप से फ़ेसबुक व अन्य कई कंपनियों ने जहाँ एक तरह सरकार से अनुपालन सुनिश्चित करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है, वहीं अब तक ना ही फ़ेसबुक और ना ही गूगल किसी ने ये संकेत नहीं दिया है कि वे कब तक नियमों का पूरी तरह से अनुपालन करने लगेंगे।
क्या है पूरा मामला?
असल में फरवरी 2021 में जारी भारत सरकार के नए दिशानिर्देशों के अनुसार सबसे अहम नियम से था कि सोशल मीडिया कंपनियों को 26 मई तक देश में एक रेजिडेंट शिकायत निवारण अधिकारी, एक मुख्य अनुपालन अधिकारी और एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी थी।
ये नियम उन सभी सोशल मीडिया कंपनियों पर लागू होता है, जिनके पास भारत में 50 लाख से अधिक यूज़र्स हैं और उन सोशल मीडिया कंपनियों को बिचौलियों (Intermediaries) का दर्जा प्राप्त है।
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अगर इन कंपनियों ने अगले दो दिनों में इस नियम के पालन को सुनिश्चित नहीं किया तो वो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 (Section 79) के तहत मिलने वाली अहम ‘सुरक्षा’ खो सकती हैं और उनका ‘बिचौलियों (Intermediaries) का टैग समाप्त कर दिया जाएगा।
अब आप सोच रहें होंगें कि Intermediaries टैग के हटने से क्या असर पड़ेगा?
सेक्शन 79 सोशल मीडिया को एक बिचौलियों के रूप में परिभाषित करते हुए, उनके प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई सामग्री के लिए उन्हें कानूनी रूप से उत्तरदाई बनाने से छूट प्रदान करता है।
पर अगर कम्पनियाँ बिचौलियों का टैग खो देती हैं तो उनके प्लेटफॉर्म पर किसी भी तरह कि कोई गैरकानूनी और अवैध सामग्री शेयर होने पर कंपनियाँ भी आपराधिक रूप से उत्तरदायी होंगी।