संपादक, न्यूज़NORTH
Switch Between Prepaid And Postpaid Using OTP: ज़रा सोचिए! आप जब चाहे अपने मोबाइल प्लान को प्रीपेड (Prepaid) या पोस्टपेड (Postpaid) के बीच बदल सकें, वो भी बिना SIM कॉर्ड चेंज किए। अगर ऐसा वाक़ई हो तो? दरसल ये जल्द ही असल में होता नज़र आ सकता है।
असल में डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकॉम (DoT) के एक आधिकारिक नोट के अनुसार, मोबाइल फोन ग्राहकों को जल्द ही ओटीपी (OTP) आधारित वेरिफ़िकेशन की सुविधा का इस्तेमाल करते हुए अपने सिम कार्ड को बदले बिना पोस्टपेड (Postpaid) कनेक्शन और प्रीपेड (Prepaid) कनेक्शन के बीच स्विच करने की सहूलियत मिल सकती है।
इसके लिए सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने दूरसंचार विभाग (DoT) को एक प्रस्ताव दिया है और विभाग ने दूरसंचार ऑपरेटरों से इसको लेकर प्रूफ़ ऑफ़ कॉन्सेप्ट (PoC) या आसान भाषा में कहें तो कि ये सुविधा क्या वाक़ई काम कर सकती है या नहीं, इसका टेस्ट करने को कहा है।
दिलचस्प ये है कि DoT के अनुसार इस नई सुविधा को लेकर कोई भी अंतिम निर्णय PoC के परिणाम आने के बाद हाई लिया जाएगा, तब तक के लिए ये पुख़्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि ये सुविधा पेश होने ही जा रही है।
बता दें COAI के सदस्यों में Reliance Jio, Bharti Airtel और Vodafone Idea शामिल हैं। और इसी COAI ने 9 अप्रैल को DoT से मोबाइल ग्राहकों को प्रीपेड व पोस्टपेड के बीच किसी नई KYC प्रक्रिया के बिना सिर्फ़ OTP का इस्तेमाल करने हुए कनेक्शन माइग्रेट करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
ज़ाहिर है आजकल कई चीज़ों के लिए OTP वेरिफ़िकेशन का इस्तेमाल काफ़ी होने लगा है और इसको सुरक्षित भी माना जाता है।
इसके साथ ही मौजूदा हालातों को देखते हुए भी ये सुविधा वाक़ई मददगार होगी, क्योंकि अपने कनेक्शन को बदलने वाले व्यक्तियों को इसके लिए बाहर जाकर वापस नया SIM ख़रीदने की आवश्यकता ख़त्म हो जाएगी।
How to switch between Prepaid and Postpaid plans using OTP?
इस बीच आपको बता दें इस प्रस्तावित प्रक्रिया के तहत, अपने मौजूदा मोबाइल कनेक्शन को प्रीपेड से पोस्टपेड (या इसके विपरीत) में बदलने के लिए ग्राहकों को एसएमएस, आईवीआरएस, वेबसाइट या आधिकारिक ऐप के ज़रिए अपने टेलीकॉम ऑपरेटर को एक रिक्वेस्ट भेजनी होगी।
ये रिक्वेस्ट कंपनी को मिलते ही वो ग्राहकों को एक यूनिक लेनदेन आईडी और एक ओटीपी के साथ मोबाइल अकाउंट को चेंज करने के लिए एक SMS भेजेग़ी, जिसमें नए बदलावों को स्वीकार करने का विकल्प होगा। ये मैसेज 10 मिनट के लिए वैध होगा।
OTP के ज़रिए किए गए वेरिफ़िकेशन को ही ग्राहक की सहमति माना जाएगा और दूरसंचार ऑपरेटर उसे उस तारीख और समय के बारे में सूचित करेगा, जब से ये बदलाव उसके अकाउंट पर प्रभावी हो जाएँगे।
इस बीच ग़ौर करने वाली बात ये है कि प्रस्तावित सुविधा के तहत मोबाइल कनेक्शन के मालिकाना हक़ में कोई बदलाव नहीं होगा और सिम कार्ड ग्राहक के पास ही रहेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फ़िलहाल देश में 90% से अधिक मोबाइल ग्राहक प्रीपेड सेवा का ही इस्तेमाल करते हैं।