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RBI का आदेश, 1 मई से नए ग्राहकों को कॉर्ड नहीं जारी कर सकेंगें American Express व Diners Club

RBI का आदेश, 1 मई से नए ग्राहकों को कॉर्ड नहीं जारी कर सकेंगें American Express व Diners Club

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कल एक बड़ा फ़ैसला सुनाते हुए देश के डेटा स्टोरेज नियमों का उल्लंघन करने के चलते American Express Banking Corp और Diners Club International Ltd पर 1 मई से अपने कार्ड नेटवर्क पर नए घरेलू ग्राहकों को जोड़ने पर बैन लगा दिया है।

जी हाँ! इस आदेश के मुताबिक़ अब 1

मै से American Express और Diners Club भारत में नए कॉर्ड ग्राहकों को सुविधाएँ नहीं दे सकेंगें। लेकिन इतना साफ़ कर दें कि इस आदेश के ऐलान के वक़्त RBI ने साफ़ तौर पर कहा है कि इन दोनों संस्थाओं के मौजूदा ग्राहकों पर इस आदेश का कोई असर नहीं पड़ेगा।

बता दें American Express Banking Corp और Diners Club International Ltd देश में अपना संचालन करने वाले पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स हैं जो पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम एक्ट, 2007 (PSS Act) के तहत देश में कॉर्ड नेटवर्क संबंधी सुविधाएँ प्रदान करने की अनुमति रखते हैं।

आपको बता दें RBI ने 23 अप्रैल, 2021 को जारी किए अपने एक आदेश में American Express और Diners Club पर बैन लगाया है।

RBI की मानें तो;

”इन संस्थाओं को स्टोरेज ऑफ पेमेंट सिस्टम डेटा के निर्देशों का पालन ना करते हुए पाया गया है, जिसके चलते दंड स्वरूप इन पर ये प्रतिबंध लगाया जा रहा है।”

आप सोच रहें होंगें क्या वाक़ई RBI ऐसे ही किसी भी बैंक को नए ग्राहकों को जोड़ने से माना कर सकता है? तो इसका जवाब है हाँ! असल में डेटा सुरक्षा को लेकर हाल ही में पहले से ही RBI काफ़ी एक्टिव नज़र आ रहा है, और PSS Act के तहत RBI ने प्राप्त आधिकारों का उपयोग करते हुए ही American Express व Diners Club पर ये कार्यवाई की है।

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RBI vs American Express & Diners Club: क्या हैं नियम?

बता दें अप्रैल 2018 में, सभी पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि वह छह महीने के भीतर पेमेंट से संबंधित संपूर्ण डेटा (एंड-टू-एंड लेनदेन डिटेल/ डेटा स्टोरेज / प्रॉसेसिंग / मैसेज / पेमेंट निर्देश आदि) को केवल भारत में ही स्टोर करेगी।

सही समझ रहे हैं आप, इसी डेटा स्थानीयकरण नियमों की वजह से कई सालों से WhatsApp Pay की सुविधा देश में शुरू नहीं हो पा रही है। और ये नियम आज की स्थितियों को देखते हुए बेहद अहम हो गया है।

संस्थानों के पास क्या है रास्ता?

इस बीच अब इन संस्थानों को RBI को एक बोर्ड-अनुमोदित सिस्टम ऑडिट रिपोर्टt (SAR) जमा करनी होगी, जिसको CERT-In द्वारा करवाना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन संस्थानों के नियमों का पालन शुरू किया है या नहीं?

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