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दिल्ली में अब एक हफ़्ते तक ‘ज़रूरी’ ई-कॉमर्स डिलीवरी को ही मंज़ूरी

दिल्ली में अब एक हफ़्ते तक ‘ज़रूरी’ ई-कॉमर्स डिलीवरी को ही मंज़ूरी

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दिल्ली लॉकडाउन (Delhi Lockdown): जैसे-जैसे कोविड-19 महामारी की नई लहर का प्रकोप बढ़ रहा है, वैसे ही ई-कॉमर्स कंपनियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। पहले महाराष्ट्र और अब दिल्ली में भी पाबंदियों को बढ़ाते हुए, नए लॉकडाउन के चलते अब ई-कॉमर्स कंपनियों को एक हफ़्ते तक सिर्फ़ “ज़रूरी (Essentials)” सामानों की डिलीवरी को ही अनुमति दी गई है।

जी हाँ! मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने देश की राजधानी में 19 अप्रैल को रात 10 से अगले सोमवार (26 अप्रैल) सुबह 5 बजे तक के लिए क़रीब 6 दिनों के लॉकडाउन (Delhi Lockdown) का ऐलान किया है।

ज़ाहिर है यह क़दम सरकार ने तेज़ी से बढ़ते संक्रमण की दर को रोकने के लिहाज़ से उठाया है। और इसी के साथ ही दिल्ली अब महाराष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार होगा जहां ई-कॉमर्स कंपनियों को प्लेटफ़ॉर्म पर “गैर-ज़रूरी (Non-Essentials)” प्रॉडक्ट्स को बेचने से मनाही होगी।

आपको बता दें ऐसी पाबंदियों को लगाने वाले स्थानों की लिस्ट में छत्तीसगढ़ और राजस्थान के साथ ही अन्य कुछ राज्यों के कुछ जिले भी शामिल हैं।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) द्वारा 19 अप्रैल को दिए एक आदेश में कहा गया कि राज्य में केवल “ई-कॉमर्स के माध्यम से फ़ूड (भोजन), फार्मास्यूटिकल्स (दवाईयों), चिकित्सा उपकरणों (मेडिकल संबंधित सामानों) आदि जैसी ज़रूरी चीज़ों की डिलीवरी” की ही अनुमति होगी।

Delhi Lockdown: अनिवार्य किया गया ई-पास

इन नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और फूड डिलीवरी फर्मों के डिलीवरी एजेंटों को अधिकारियों से ई-पास प्राप्त करने होंगें और लॉकडाउन के दौरान वह पास ही उनकी अनुमति की तरह काम करेंगें।

ऐसी आदेशों को लेकर क्या होती है ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्मों की राय?

इसके पहले महाराष्ट्र सरकार ने भी ऐसा ही कुछ आदेश दिया था, जिसको तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वहाँ की राज्य सरकार बदलते हुए, “ग़ैर-ज़रूरी (Non-Essentials)” चीज़ों की डिलीवरी को भी मंज़ूरी दे सकती है।

असल में भले महाराष्ट्र सरकार के फ़ैसले के बाद Flipkart, Amazon, AJIO आदि जैसे दिग्गज़ प्लेटफ़ॉर्म ने आदेश को मानना आरंभ कर दिया था, लेकिन जानकारों की मानें तो कई कंपनियों का कहना है कि यह एक ऐसा समय है जब लोगों को हर तरह की सुविधा और चीज़ें घर पर डिलीवर करने की ज़रूरत भी है और लोगों की माँग भी।

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और भला ऐसे में ज़रूरी या ग़ैर-ज़रूरी चीज़ों की कोई स्थाई लिस्ट नहीं बनाई जा सकती है। सबकी स्थितियाँ अलग अलग होती हैं और ऐसे में किसके लिए कौन सा सामान ज़रूरी (Essentials) है यह कैसे तय किया जा सकता है?

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लेकिन अब देखना ये है कि इस Delhi Lockdown के तहत राज्य में सरकार आने वाले दिनों में क्या ग़ैर-ज़रूरी चीज़ों को लेकर भी कुछ क़दम उठाती नज़र आएगी?

डिलीवरी कंपनियाँ कर रही हैं कंफ्यूजन का सामना?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कई वरिष्ठ ई-कॉमर्स अधिकारी महाराष्ट्र, हरियाणा व आदि जगहों पर टॉप सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत की कोशिश करके, इन दिशानिर्देशों पर स्पष्टता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि सुचारु रूप से संचालन किया जा सके।

ज़ाहिर सी बात है कि उलझन की स्थिति सभी के लिए है भले वह Amazon, Flipkart, Snapdeal, Urban Company, Paytm Mall जैसी कंपनियाँ हों या Reliance और Tata Group जैसी दिग्गज़ कंपनियाँ या फिर BigBasket, Grofers, Swiggy, 1mg, Zomato, Pharmeasy और Udaan जैसे प्लेटफ़ॉर्म।

अब देखना ये है कि क्या केंद्र सरकार कंपनियों और तमाम राज्य सरकारों के बीच बनी इस उलझन की स्थिति को ख़त्म करने के लिए कोई पहल करती है? ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले साल ऐसी ही स्थिति में हमनें केंद्र सरकार को कई पहलुओं पर “स्पष्टता” उजागर करने के लिए काम करते देखा था।

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