संपादक, न्यूज़NORTH
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 17 फरवरी को नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (NASSCOM) के नासकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम (NTLF) में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए, और उन्होंने सबको संबोधित भी किया।
दिलचस्प ये रहा कि एक तरफ़ जहाँ इस प्रोग्राम में पीएम मोदी ने कोरोना काल में भी बेहतर ढंग से ख़ुद को संभालने रखने और अपने संचालन को लेकर भारतीय आईटी इंडस्ट्री की भूमिका की सराहना की।
वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री ने भारतीय स्टार्टअप फाउंडर्स के एक नसीहत भी दी। जी हाँ! पीएम मोदी ने कहा भारतीय स्टार्टअप फ़ाउंडर्स को कंपनी की वैल्यूएशन पर फोकस करने की बजाय उसको एक विश्व स्तरीय इंस्टीट्यूशंस के तौर पर लंबे समय के लिए तैयार करने की कोशिश करनी चाहिए।
पीएम के अनुसार आज दुनिया भर के हर देश का भरोसा और उम्मीद भारत को लेकर बढ़ा है और इसी बीच कोरोना के दौरान भारत के ज्ञान-विज्ञान और तकनीकी ने ख़ुद को साबित करते हुए, अपने आप को ही और विस्तारित और अपडेट भी किया है।
प्रधानमंत्री ने एक उदाहरण देते हुए भी कहा कि एक वक़्त था जब भारत स्माल पॉक्स के टीके तक आयात करता था और आज समय यह है कि भारत दुनिया भर को कोरोना जैसी महामारी की वैक्सीन का निर्यात कर रहा है।
PM Modi ने कहा आईटी इंडस्ट्री की ताक़त है जनसंख्या
प्रधानमंत्री ने कहा कि आईटी इंडस्ट्री की सबसे बड़ी ताकत भारत की विशाल जनसंख्या है, और उससे भी अहम ये है कि भारत के लोग नए सोल्यूशन अपनाने को लेकर हमेशा से ही उत्साहित रहे हैं। और इसलिए पीएम ने कहा कि स्टार्टअप फाउंडर्स को इस पर विचार करना चाहिए कि आख़िर कैसे वो एक वर्ल्ड क्लास और लंबे समय के विज़न वाले इंस्टीट्यूशंस का निर्माण करें, न सिर्फ़ एग्जिट स्ट्रेटजी और वैल्यूएशन के गुना गणित ही सोचते रहें।
पीएम मोदी के अनुसार ये एक ऐसा वक़्त है जब भारतीय स्टार्टअप्स को ग्लोबल स्तर पर पहचान बनाने का मौक़ा मिल रहा है और इसलिए उन्हें अपने प्रोडक्ट और सेवाओं के संबंध में भी ये ध्यान देने चाहिए कि वो सभी विश्व स्तरीय स्तर के होने ताकि दुनिया भर में देश एक बेंचमार्क स्थापित कर सके।
ख़ास ये रहा कि पीएम मोदी ने आईटी इंडस्ट्री को कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) के तहत ग्रामीण बच्चों के शैक्षिक विकास को लेकर भी काम करने की सलाह दी। उनके अनुसार ग्रामीण इलाक़ों में शैक्षिक सोच को बढ़ावा देना देश के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।
इसके साथ ही उन्होंने इस बात को भी प्रमुखता से उठाया कि कई क़ानूनों पॉलिसी में बंध कर भविष्य की लीडरशिप तैयार नहीं की जा सकती, और इसलिए सरकार इसको समझते हुए टेक इंडस्ट्री के लिए अनावश्यक रेगुलेशंस को हटाने का प्रयास करती जा रही है।
इसके साथ ही तकनीकी महत्व को बताते हुए उन्होंने ये भी कहा कि तकनीक के जरिए उन्होंने मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस का अपना वादा पूरा करने में मदद मिली।
इसके साथ ही भारत कैश इकोनॉमी से लेस-कैश इकोनॉमी की तरफ जी तरह से तेज़ी से शिफ्ट हुआ है, उसको भी इसका ही एक उदाहरण माना जा सकता है।
Nasscom के सम्मेलन में PM Modi
इस बीच इस NTLF के 29वें सम्मेलन की बात करें तो ये 17 से 19 फरवरी तक चलेगा, जिसको हर साल NASSCOM आयोजित करता है। और इस साल यानि 2021 में इस आयोजन का थीम है ‘शेपिंग द फ्यूचर टूवार्ड्स ए बेटर नॉर्मल’ मतलब “एक बेहतर भविष्य का निर्माण करना।”
आपको बता दें इस सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के करीब 1600 प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की ख़बर सामने आई है। साथ ही इस सम्मेलन के दौरान 30 से अधिक प्रोडक्ट भी पेश किए जाने की उम्मीद है।