संपादक, न्यूज़NORTH
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने आज प्राइवेसी पॉलिसी (Privacy Policy) मामले पर व्हाट्सएप (WhatsApp) और इस पर मालिकाना हक़ रखने वाली फेसबुक (Facebook) को एक याचिका के संबंध में आज हुई सुनवाई के दौरान एक नोटिस जारी किया।
असल में इस याचिका में व्हाट्सएप (WhatsApp) की नई प्राइवेसी पॉलिसी के अमल पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
इस याचिका में कहा गया था कि सोशल मीडिया दिग्गज़ कंपनी Facebook असल में यूरोपीय देशों के उपयोगकर्ताओं और भारतीय उपयोगकर्ताओं के बीच भेदभाव करते हुए भारत में मनमाने ढंग से पॉलिसी में बदलाव कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कंपनी से क़ीमती लोगों की प्राइवेसी
इस बीच आज देश की सर्वोच्च अदालत ने इस सुनवाई के दौरान कहा कि भले व्हाट्सएप (WhatsApp) या फेसबुक (Facebook) 2-3 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी होंगी, लेकिन लोगों की प्राइवेसी इससे कहीं अधिक क़ीमती है, और देश के नागरिकों के प्राइवेसी संबंधी अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फेसबुक (Facebook) और व्हाट्सएप (WhatsApp) इन दोनों को 4 हफ्ते के भीतर नई प्राइवेसी पॉलिसी पर जवाब मांगा है।
Supreme Court issues notice to Facebook and WhatsApp, seeking their response on a plea challenging WhatsApp's latest privacy policy which was introduced in January this year in India. Matter posted for hearing, four weeks later. pic.twitter.com/kjUANpTj2T
— ANI (@ANI) February 15, 2021
आपको बता दें याचिकाकर्ता की तरफ़ से उपस्थित वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि WhatsApp अपनी प्राइवेसी पॉलिसी के मानकों के मामले में भारतीयों और यूरोपीय लोगों के बीच अंतर कर रहा है।
इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूरोप में प्राइवेसी को लेकर एक विशेष कानून है, और अगर भारत में भी उसी तरीक़े का समान क़ानून हो, तो ये कंपनियाँ उसका पालन करने के लिए बाध्य होंगी।
आपको बता दें देश की सर्वोच्च अदालत ने Facebook के साथ ही साथ सरकार को भी नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब माँगा है।
आपको याद दिला दें WhatsApp ने इसी साल जनवरी में अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी (Privacy Policy) जारी की थी, जिसके बाद से ही कंपनी इसको लेकर तमाम विवादों में घिरती चली गई।
अलाम ये रहा कि इसके लाखों उपयोगकर्ताओं ने इसके अन्य विकल्प जैसे Telegram और Signal आदि का रूख करते हुए प्लेटफ़ॉर्म को छोड़ना उचित समझा। इस बीच भले कंपनी ने फ़िलहाल के लिए मई 2021 तक इस प्राइवेसी पॉलिसी को टाल दिया हो, लेकिन ये इसके गले की फाँस बनी हुई है।
इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है। और अब मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कंपनी और सरकार दोनों से इस मामले में अपना रूख स्पष्ट करने के लिए नोटिस जारी करते हुए जवाब माँगा है। अब इस मामले की सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।