संपादक, न्यूज़NORTH
भारतीय जनता पार्टी या बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय एक बार फिर से सुर्ख़ियों में हैं, वो भी अपने 28 नवंबर को किए गए एक विवादित Tweet को लेकर। अमित मालवीय के इस Tweet को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Twitter द्वारा “Manipulated Media” के रूप में टैग कर दिया है।
बता दें इस Tweet में अमित मालवीय ने एनसीआर में चल रहे किसान विरोध को लेकर एक वीडियो शेयर की थी। दरसल मालवीय ने राहुल गांधी द्वारा किसानों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता को लेकर किए गए एक Tweet को Re-Tweet करते हुए उसको ग़लत बताया था और उसके जवाब में एक वीडियो पोस्ट करके दावा किया था कि किसानों को पुलिस द्वारा “पीटा” नहीं गया बल्कि केवल “धमकी” दी गई।
लेकिन इसके बाद से ही जब सोशल मीडिया को उस घटना का पूरा वीडियो सामने आने लगा तो कहीं न कहीं लोगों ने अमित मालवीय के Tweet पर सवाल उठाना शुरू कर दिए और इसके बाद Twitter ने इसको Manipulated Media के रूप में टैग कर दिया। ये खबर इतनी बड़ी इसलिए भी बन गई क्योंकि भारत में पहली बार है किसी Tweet को Twitter द्वारा Manipulated Media के रूप में टैग किया गया है।
आपको बता दें इसकी शुरुआत Twitter ने फरवरी 2020 में इस नीति के तहत की थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में इसका इस्तेमाल कर फ़ेंक न्यूज़ को लेकर लोगों को प्लेटफ़ॉर्म पर सतर्क किया जाएगा। और इसके तहत तब अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump के कई Tweet को कंपनी ने इसी टैग के तहत फ़्लैग किया था।
कंपनी का ये लेबल दर्शाता है कि व्यक्ति या अकाउंट द्वारा शेयर की गई ये जानकारी “भ्रम या गलतफहमी पैदा कर सकती है और इसको जानबूझकर कर शेयर किया गया है इसलिए इसकी सत्यता प्रमाणित करने की ज़रूरत है। आपको बता दें उस कांटेंट की सत्यता जानने के लिए कंपनी अपने AI तकनीक के तहत थर्ड पार्टी के साथ साझेदारी के माध्यम से रिपोर्ट प्रदर्शित करती है।
अपने Tweet में सबसे पहले राहुल गांधी ने पुलिस द्वारा एक किसान की पिटाई की तस्वीर पोस्ट की थी और लिखा था, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण तस्वीर है। हमारा नारा “जय जवान, जय किसान” हुआ करता था। लेकिन आज, प्रधानमंत्री के अहंकार ने जवानों को किसानों के खिलाफ खड़ा कर दिया है।”
बड़ी ही दुखद फ़ोटो है। हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था लेकिन आज PM मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया।
यह बहुत ख़तरनाक है। pic.twitter.com/1pArTEECsU
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 28, 2020
इसके जवाब में बीजेपी आईटी सेल प्रमुख ने दो “प्रचार बनाम वास्तविकता” के वीडियो पोस्ट किए थे जिसमें उन्होंने दावा किया था कि सुरक्षा कर्मियों ने किसान को नहीं मारा।
लेकिन बाद में इस पोस्ट की AltNews द्वारा और साथ ही BoomLive द्वारा जाँच की गई। AltNews के अनुसार, मालवीय ने जो वीडियो साझा किया, वह एक ट्विटर उपयोगकर्ता “Political Kida” द्वारा बनाया गया था। उस हैंडल द्वारा साझा किया गया वीडियो को भी Twitter इसी टैग के तहत फ़्लैग किया है।
इस बीच इन एजेसियों ने पंजाब के कपूरथला जिले के संगोजला से सुखदेव सिंह नाम के उस व्यक्ति से सम्पर्क किया जो वीडियो में नज़र आ रहें थे, उन किसान व्यक्ति ने बताया कि उन्हें पीठ आदि जगहों पर चोटें आई हैं।
इस बीच अमित मालवीय ने इस Tweet को तो हटा दिया लेकिन उन्होंने Twitter की फ़ैक्ट चेकिंग नीतियों को लेकर एक और पोस्ट किया है।
The marketplace of ideas is a better engine for sorting truth from falsehood than self-declared gatekeepers who have earned no social authority. Big Tech companies would serve themselves better by not wading deeper into this political thicket. https://t.co/KosIDuacJu
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 2, 2020