संपादक, न्यूज़NORTH
आख़िरकार! नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) ने भारत में अपनी UPI सेवा आधारित पेमेंट सुविधा के लिए मैसेजिंग दिग्गज WhatsApp को व्हाट्सएप को अधिकारिक शुरुआत के लिए मंजूरी दे दी है।NPCI ने इस संदर्भ में कहा कि WhatsApp अपने उपयोगकर्ताओं को श्रेणीबद्ध तरीके से UPI आधारित पेमेंट ही सहूलियत दे सकता है। लेकिन शुरुआत मल्टी-बैंक मॉडल में अधिकतम 20 मिलियन रेजिस्टर्ड उपयोगकर्ताओं को जोड़ने से ही करनी होगी।
आपको बता दें WhatsApp ने देश में 2018 में ही अपनी पेमेंट सुविधा की शुरुआत कर दी थी, लेकिन तब उसको बीटा प्रोग्राम के तहत टेस्टिंग के लिहाज़ से ही लॉंच किया गया था। ये इसलिए ख़ास हो जाता है क्योंकि WhatsApp के पास भारत में 400 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता आधार है, और ऐसे में इस सेवा की शुरुआत से यह Google Pay का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी बनकर उभर सकता है।
ज़ाहिर है कंपनी की पेमेंट सुविधा कई सालों से टेस्टिंग मोड में थी लेकिन NPCI से इसको बार बात मंज़ूरी मिलने में कोई न कोई अड़चन का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन इस साल की शुरुआत से ही जब कंपनी ने NPCI की सभी शर्तों को मानने का फ़ैसला कर लिया, तभी से अटकलें लगाई जाने लगीं थी कि शायद इसी साल से WhatsApp को अपनी पेमेंट सेवाओं के लिए मंज़ूरी मिल जाए और ऐसा ही हुआ।
इसके साथ ही NPCI ने थर्ड पार्टी ऐप पर किए गए UPI लेनदेन की कुल मात्रा पर 30% की नई कैप लगाई है। इसका मतलब है कि कोई भी थर्ड पार्टी ऐप जैसे कि PhonePe और Google Pay, जो UPI आधारित पेमेंट सुविधा की पेशकश करते हैं, अब से अपने प्लेटफ़ॉर्म पर कुल UPI लेनदेन का 30% से अधिक संसाधित नहीं कर सकेंगें।
इस बीच NPCI ने अपने इस क़दम का कारण भी बताया। NPCI ने कहा;
“यह क़दम पेमेंट संबंधी जोखिमों को दूर करने और UPI ईकोसिस्टम को सुरक्षित बनाने के लिहाज़ से उठाया गया है।”
आपको बता दें इस 30% कैप की गणना बीते तीन महीनों के दौरान UPI द्वारा किए गये लेनदेन की कुल मात्रा के आधार पर की जाएगी। साथ ही ये UPI लेनदेन कैप 1 जनवरी 2021 से लागू होंगी। दिलचस्प यह है कि ये लिमिट अब कहीं न कहीं WhatsApp की पेमेंट सुविधा को बढ़ने में मदद भी करेगी क्योंकि इसके मौजूदा प्रतिद्वंदी भी अब फिर से नए नियमों से साथ गेम में अपनी नई रणनीति के साथ नज़र आएँगें।
दरसल नोटबंदी के बाद से ही UPI आधारित पेमेंट का प्रचलन देश में तेज़ी से बढ़ा और Google Pay आर PhonePe ऐसे सेवा प्रदाताओं ने सभी प्रमुख बैंकों के साथ साझेदारी कर इस सेवा को और भी सुलभ बना दिया ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ ले सकें।
आपको बता दें पिछले महीने ही कुछ रिपोर्ट के मुताबिक़ PhonePe ने भारत में UPI ऐप के लिहाज़ से Google Pay को पछाड़ दिया था। कंपनी के मुताबिक अक्टूबर में इसने 835 मिलियन UPI लेनदेन दर्ज करते हुए 40% बाजार हिस्सेदारी हासिल की। वहीं Google Pay की भारत के UPI लेनदेन में कुल हिस्सेदारी 35% रही।
इस बीच देखना यह है कि UPI लेनदेन पर लगी इस नई पाबंदी के बाद अब भला PhonePe और Google Pay किस नई रणनीति के साथ बाज़ार में लोगों को रिझाते नज़र आएँगें? हम देख सकतें हैं कि दोनों ऐप ही बाज़ार में 30% से अधिक लेनदेन हिस्सेदारी रखती हैं। दरसल NPCI के आदेश के मुताबिक़ मौजूदा थर्ड-पार्टी ऐप, जो कैप से अधिक हैं, के पास नए नियमों का पालन करने के लिए दो साल की अवधि होगी, जो जनवरी 2021 से शुरू होगी।