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डेटा एक्सेस अधिकारों और एल्गोरिदम मैनेजमेंट को लेकर Ola के ख़िलाफ़ ड्राइवरों ने किया केस

डेटा एक्सेस अधिकारों और एल्गोरिदम मैनेजमेंट को लेकर Ola के ख़िलाफ़ ड्राइवरों ने किया केस

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ड्राइवरों के एल्गोरिदम मैनेजमेंट को टार्गेट करने संबंधी एक और आरोपों के चलते अब भारतीय कैब सेवा प्रदाता Ola के दो सवारी ड्राइवरों ने नीदरलैंड की अदालत में कंपनी के ख़िलाफ़ केस दर्ज करते हुए सुनवाई की अपील की है।

दरसल TechCrunch के हवाले से सामने आई इस ख़बर के मुताबिक़ e App Drivers & Couriers Union (ADCU) और अन्य द्वारा समर्थित यह मामला असल में जुलाई में Uber के खिलाफ कुछ ड्राइवरों द्वारा नीदरलैंड की अदालत में दायर की गई याचिका के ही समान है।

आपको बता दें इन दोनों मामलों में ड्राइवरों ने अपने व्यक्तिगत डेटा को अपनी यूनियन के डेटा ट्रस्ट में पोर्ट करने की माँग कर रहें हैं ताकि इसका उपयोग सामूहिक रूप से काम के संचालन संबंधी उद्देश्यों के लिए किया जा सके। इन ड्राइवरों का कहना है कि कंपनियों ने सभी अनुरोधित डेटा उपलब्ध नहीं कराए हैं। इस बीच Uber ने यह भी तर्क दिया था कि यूरोपीय संघ के गोपनीयता अधिकारों के तहत वह माँगी गई कुछ जानकारी साझा नहीं कर सकता है।

दरसल दोनों दोनों मामले General Data Protection Regulation (GDPR) के तहत यूरोपीय डेटा एक्सेस अधिकारों का हवाला देते हैं।

इस बीच इस नए Ola पर हुए केस की बात करें तो ADCU ने यह कहा है कि ड्राइवरों को GDPR के तहत उनकी जानकारी के लिए की गई माँग के जवाब में सिर्फ़ आंशिक डेटा प्रदान किया गया है, इसमें तारीख-टिकट वाले GPS डेटा को शामिल नहीं किया गया है।

वहीं एक अन्य शिकायत में ट्रैवल के स्तर पर रेटिंग डेटा की कमी की बात भी कही गई है। उनका कहना है कि Ola अनुचित या भेदभावपूर्ण रेटिंग को चुनौती देने का कोई तरीका प्रदान नहीं करती है।

बता दें यूरोप में ऐसे कई प्लेटफार्मों ने श्रमिकों के वर्गीकरण पर कई कानूनी चुनौतियों का सामना किया है क्योंकि यह इस क्षेत्र में काफ़ी तेज़ी से बढ़ रहें हैं। और इसलिए ये नवीनतम मामले और भी दिलचस्प हैं कि कैसे प्लेटफ़ॉर्म के एल्गोरिथम मैनेजमेंट के बाद अपने साथ काम कर रहे कर्मचारियों या पार्टनर्स को कंट्रोल कर रहें हैं।

वहीं इस याचिका की घोषणा करते हुए रिपोर्ट के मुताबिक़ एक प्रेस रिलीज़ में कहा गया कि लंदन में इस साल की शुरुआत में Ola द्वारा लॉंच किया गया सेफ़्टी फ़ीचर Guardian “लाखों डेटा” संबंधी पहलुओं का विश्लेषण करने के लिए आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग करता है। स्वचालित रूप से अनियमित ट्रैवल गतिविधि का पता लगाने के लिए Ola ने ड्राइवर के व्यक्तिगत डेटा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है, जसिके चलते यह सिस्टम प्रत्येक चालक के लिए ‘धोखाधड़ी’ की संभावना भरे स्कोर की गणना करता है।

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दरसल याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि इस तरह के सिस्टम में  पारदर्शिता जरूरी है क्योंकि यह सीधे तौर पर ड्राइवर की कमाई को प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं। Ola के एल्गोरिथ्म द्वारा ट्रैवल को “अमान्य” (गलत तरीके से) बताने के बाद मामले की रिपोर्ट करने वाले ड्राइवरों में से एक को अपना वेतन भी नहीं मिल सका था।

रिपोर्ट के अनुसार जब ड्राइवर ने अपील करने की कोशिश की तो Ola ने उसे बताया कि यह प्रक्रिया स्वचालित है और इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाता है और इसलिए इस कटौती को सही माना जाएगा।

इस बीच याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वे अदालत से गुज़ारिश करेंगें कि Ola को तुरंत ही यूरोपीय संघ के डेटा संरक्षण कानून का पालन करने के निर्देश दिए जाएँ और साथ ही ऐसा ना करनें पर प्रत्येक दिन के लिहाज़ से उसपे €2,000 का जुर्माना लगाया जाए।

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