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Zomato का राजस्व दोगुना होकर पहुँचा $394 मिलियन; भारत में ‘प्रति ऑर्डर’ नुक़सान अब मुनाफ़े में बदला

Zomato का राजस्व दोगुना होकर पहुँचा $394 मिलियन; भारत में ‘प्रति ऑर्डर’ नुक़सान अब मुनाफ़े में बदला

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Zomato ने शुक्रवार को अपनी मिड-COVID-19 प्रदर्शन रिपोर्ट प्रकाशित की, और आँकड़ों की मानें तो फ़ूड डिलीवरी व्यवसाय काफ़ी आशवादी नज़र आ रहा है।

दरसल Zomato ने वित्तवर्ष 2020 में अपने राजस्व में पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना $394 मिलियन का आँकड़ा दर्ज किया। आपको बता दें पिछले साल ये संख्या $192 मिलियन ही थी, और ज़ाहिर रूप से इस बार कंपनी ने एक अहम छलांग लगाई है।

लेकिन इतना ज़रूर है कि Zomato का बिज़नेस COVID​​-19 के चलते काफ़ी हद तक प्रभावित हुआ है। दरसल जून की तिमाही की शुरुआत में COVID-19 के कारण लॉकडाउन का असर अभी भी आंशिक रूप से बरक़रार है, और इसकी वजह से Zomato ने $12 मिलियन का नुकसान उठाया था और महज़ सिर्फ $41 मिलियन का ही राजस्व एकत्र कर पाया था।

इसका भी स्वाभाविक का कारण था कि सुरक्षा और हाइजीन आदि के चलते बहुत से लोग अभी भी बाहर से फ़ूड ऑर्डर करने में हिचक रहें हैं।

एक सच यह भी है कि भारतीय बाजार में एक ऑर्डर की औसत लागत तुलनात्मक रूप से कम होती है, जिसके कारण कई फ़ूड डिलीवरी कंपनियों को लाभ कमाने में थोड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। लेकिन Zomato अब अपने ग्राहक आधार को बढ़ाने और देश में अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी को Swiggy से आगे निकलनें के मक़सद से भारी छूट और ऑफ़र्स की पेशकश कर रहा है। और ऐसे में अतिरिक्त छूट देने पर कंपनी का नेट ऑपरेटिंग मार्जिन भी काफी कम हो गया है।

लेकिन एक और दिलचस्प बात यह है कि Zomato ने अब यह कहा है कि आने वाले समय में लाभदायक बनने के लिए अब कंपनी मार्केटिंग के ख़र्चों में कटौती पर विचार कर रही है। और शायद इसी का परिणाम है कि विज्ञापन लागत कम होने से Zomato का प्रति डिलीवरी लाभ Q1 FY21 में ₹27 तक बढ़ गया। इस आँकड़े को इसलिए अच्छा कहा जा रहा है क्योंकि Zomato असल में Q1 FY20 में प्रति ऑर्डर ₹47 रुपये का नुक़सान उठा रहा था।

लेकिन एक और सुखद बात यह भी है कि जैसे जैसे देश में लॉकडाउन हटना शुरू हो रहा है, वैसे ही अब इन कंपनियों के लिए ऑर्डर की संख्या वापस से थोड़ी बढ़ती नज़र आ रही है, और शायद इसी के चलते जुलाई में कंपनी के फ़ूड डिलीवरी वैल्यू में पूर्व-COVID स्तरों की तुलना में 60% तक सुधार हुआ है।

ज़ाहिर सी बात है कि आगामी समय में 3-6 महीनों में कंपनी वापस से पुराने ट्रैक पर लौट सकती है। और एक और ख़ास बात यह है कि Zomato ने अपने कर्मचारी के मूल वेतन को फिर से बहाल कर दिया है, जिनमें COVID-19 के दौरान थोड़ी कटौती की गई थी।

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लेकिन इन सब के साथ एक और पहलू है जिसपर सबको ग़ौर करना चाहिए, दरसल UberEats के अधिग्रहण के कारण Zomato का भारत में प्रदर्शन और सुधरा नज़र आ रहा है।

कंपनी के अनुसार Uber Eats India से Zomato के उपयोगकर्ताओं और व्यापारियों की ऑन-बोर्डिंग बढ़ी है और दोनों टीमों द्वारा इसको इतनी अच्छी तरह से आगे बढ़ाया गया है कि हम Zomato ऐप पर 97% संयुक्त GMV को स्थानांतरित करने में सफ़ल रहे हैं।

इस बीच Zomato के संस्थापक और सीईओ, दीपेंद्र गोयल ने कहा;

“जहाँ एक ओर COVID-19 ने हमारे व्यवसाय के साइज़ को भले प्रभावित किया है, लेकिन साथ ही साथ इसने हमारी लाभप्रदता की ओर बढ़ते क़दम को तेज भी किया है। व्यवसाय के साइज़ के संदर्भ में, COVID-19 ने हमें क़रीब एक साल पीछे धकेल दिया है, लेकिन एक साल के लिए यह केवल एक छोटा सा झटका है, ख़ासकर तब जब आप अगले 100 वर्षों के लिए एक कंपनी का निर्माण कर रहे हैं।”

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