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केरल स्थित SCTIMST ने तैयार की नई COVID-19 डायग्नोस्टिक टेस्टिंग किट; 1000 रु. में 2 घंटें के भीतर होगी जाँच

केरल स्थित SCTIMST ने तैयार की नई COVID-19 डायग्नोस्टिक टेस्टिंग किट; 1000 रु. में 2 घंटें के भीतर होगी जाँच

इस समय पूरी दुनिया COVID-19 की वैक्सीन बनाने के प्रयासों के साथ ही साथ इसकी किफ़ायती और तेज टेस्टिंग किट बनाने की कोशिश भी कर रही है।

और इसी दिशा में अब भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के को उम्मीद की एक और किरण दी है त्रिवेंद्रम के Sree Chitra Tirunal Institute for Medical Sciences and Technology (SCTIMST) ने, जिन्होनें COVID ​-19 की जाँच सिर्फ 2 घंटों और 1000 रूपये में करने वाली एक डायग्नोस्टिक टेस्ट किट विकसित की है।

दरसल Chitra GeneLAMP-N नामक यह टेस्टिंग विशेष रूप से SARS-CoV-2 N-Gen (कोरोना वायरस) की जाँच में सहायक है, इसे Gene के दो क्षेत्रों का पता लगाने के मक़सद से डिज़ाइन किया गया है।

दिलचस्प बात यह है कि इस किट को बनाने वालों का दावा है, इसके जरिये की जाँच सटीक परिमाण देती है, भले वायरल Gene संक्रमण स्तर पर विकसित होने के ही चरण में क्यों न हो।

आपको बता दें इस किट के डेवलपर्स ने के अनुसार यह किट जाँच का रिजल्ट देने में करीब 10 मिनट का समय लेती है, वहीँ RNA को निकालने से RT-LAMP तक में करीब दो घंटे से कम का समय लगता है। साथ ही एक बैच में कुल 30 नमूनों का परीक्षण किया जा सकता है, जिसके लिए उपयुक्त मशीनों का खर्च 2.5 लाख रुपये के करीब बताया जा रहा है।

गौर करने वाली बात यह है कि ICMR द्वारा अधिकृत NIV Alappuzha पर किये गये इसके परीक्षण के नतीजे 100 प्रतिशत सटीक होने की बात सामने आई है, और साथ ही यह सब RT-PCR टेस्टिंग के द्वारा आये नतीजों से भी मेल खातें हैं।

असल में अगर एक बार ICMR परीक्षणों को मंजूरी दे देता है तो भी अभी इसके निर्माताओं को भारी संख्या में इसके निर्माण के लिए CDSCO से लाइसेंस प्राप्त करना होगा।

आपको बताएं इस किट को SCTIMST के बायोमेडिकल टेक्नोलॉजी विंग के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप थेक्वेवेटिल और उनकी टीम ने पिछले तीन हफ्तों में विकसित किया है।

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इस बीच SCTIMST की निदेशक डॉ. आशा किशोर ने कहा;

“इस टेस्टिंग प्रणाली में SARS- COV2 के N Gene का पता लगाने के लिए RT-LAMP के Reverse Transcriptase Loop-Mediated Amplification का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह भले दुनिया में अपनी तरह की पहली प्रणाली न हो, लेकिन वैसी चंद प्रणालियों में से एक जरुर है।”

इस बीच दावों के मुताबिक इस टेस्टिंग लैब को सीमित सुविधाओं के साथ कहीं भी तुरंत तैनात किया जा सकता है और प्रशिक्षित लैब टेकनीशियनों के साथ जिला अस्पतालों की लैब में भी आसानी से इसका उपयोग किया जा सकेगा।

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