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बिल और मेलिंडा गेट्स द्वारा समर्थित दूसरी संभावित COVID-19 वैक्सीन का इंसानी परीक्षण शुरू

बिल और मेलिंडा गेट्स द्वारा समर्थित दूसरी संभावित COVID-19 वैक्सीन का इंसानी परीक्षण शुरू

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कोरोना वायरस का कहर दुनिया भर में काफी तेजी से फ़ैलता जा रहा है और ऐसे में सभी देशों में अपने-अपने स्तर पर इस वायरस से लड़ सकने वाली वैक्सीन बनाने के प्रयास किये जा रहें हैं।

और इसी श्रृंखला में अब अमेरिका के Food and Drug Administration (FDA) ने Inovio Pharmaceuticals का एक आवेदन स्वीकारते हुए कंपनी को Investigational New Drug प्रोग्राम के तहत आज एक नई COVID-19 वैक्सीन के पहले चरण (फेज़ 1) यानि ‘क्लिनिकल मानव परीक्षण’ की इजाज़त दे दी है।

इसके बाद अब Inovio जल्द ही खुद से परीक्षण में भाग लेने वाले मानव में INO-4800 DNA वैक्सीन को इंजेक्ट करने की योजना बना रही है। कंपनी के अनुसार कहा यह जा रहा है कि जानवरों पर किए गए इसके प्री-क्लिनिकल अध्ययनों में आशाजनक परिणामों  को देखा गया है, जो इम्युनिटी में वृद्धि का संकेत देता है।

दरसल Inovio DNA वैक्सीन रोगी के शरीर में एक विशेष रूप की एक छोटी स्वतंत्र जेनेटिक संरचना को इंजेक्ट करके उसकी कोशिकाओं को एक विशिष्ट संक्रमण से लड़ने हेतु एंटी-बॉडी का उत्पादन करने में सहायता प्रदान करती है।

गौर करने वाली बात यह है कि यह DNA वैक्सीन पहले से ही जानवरों में संक्रमण इत्यादि के लिए इलाज के तौर पर बाकायदा अधिकारिक इजाज़त के साथ इस्तेमाल की जाती रही है, लेकिन इसको इंसानों के लिहाज से अब तक इस्तेमाल नहीं किया गया है।

वैसे इसको आधार मानें तो यह भी कहा जा सकता है कि Inovio को इसके लिए एकदम शुरुआत से प्रयास करने की जरूरत नहीं पड़ी, और कंपनी ने पहले ‘फेज़ 1’ में Middle East Respiratory Syndrome (MERS) को लेकर इस DNA वैक्सीन का अध्ययन पूरा किया। और इस अध्ययन के दौरान आशाजनक परिणाम देखे जाने और टेस्टिंग सब्जेक्टों में एंटी-बॉडी बनने की दिशा में कामयाबी के बाद इसको अगले फेज़ में टेस्टिंग के लिए ले जाने पर फैसला किया गया।

इस बीच बता दें Inovio अपने फेज 1 और फेज 2 ट्रायल को शुरू करने के लिए कुछ ही हफ्तों में INO-4800 के हजारों डोज को तैयार करने में सक्षम है। दरसल कंपनी को बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के समर्थन के साथ ही साथ अन्य गैर-लाभकारी संस्थाओं और संगठनों से भी समर्थन राशि प्राप्त हुई है, जिसके लिए कंपनी ने सबका धन्यवाद भी कहा।

Inovio का कहना है कि अगर यह क्लिनिकल टेस्टिंग सफल होती है, तो यह इस साल के अंत तक संभावित रूप से 1 मिलियन (10 लाख) तक वैक्सीन डोज तैयार कर लेगा, इसको आपातकालीन उपयोग और आगे की टेस्टिंग में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

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आपको बता दें यह COVID-19 से खिलाफ़ तैयार की जा रही वैक्सीनों में से ऐसी दूसरी वैक्सीन है जिसको फेज़ 1 यानि इंसानी परीक्षण संबंधी इजाजत मिली है। बता दें Inovio की यह टेस्टिंग अपनी मर्जी से टेस्टिंग में शामिल होने वाले 40 लोगों में की जाएगी। इन सभी स्वस्थ वयस्कों को University of Pennsylvani या Kansas City में Center for Pharmaceutical Research में आयोजित स्क्रीनिंग के माध्यम से चुना गया है।

आपको बता दें यह टेस्टिंग अगले कई हफ्ते तक चलेगी और कंपनी को उम्मीद है कि इन गर्मियों के खत्म होते-होते इन टेस्टिंग सब्जेक्ट से प्राप्त विभिन्न उपयोगी डेटा और प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को हासिल कर सकेगी।

दरसल उपयोग के लिहाज़ से किसी भी व्यापक मंजूरी में को लेकर भी कम से कम एक वर्ष से 18 महीनें तक का समय लग सकता है, लेकिन इतना जरुर है कि जिस तेजी से इंसानी टेस्टिंग शुरू हो रहीं हैं, वह असाधारण है और इसलिए माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ सकारात्मक परिणाम सामने आ सकतें हैं।

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