कैंसर डायग्नोस्टिक्स स्टार्टअप ‘SaScan’ ने हासिल किया Unicorn India Ventures से निवेश; राशि का खुलासा नहीं

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अपने दूसरे इक्विटी फंड के लिए पहली किश्त हासिल करने के साथ ही Unicorn India Ventures ने इस फंड के जरिये अपने पहले निवेश की भी घोषणा कर दी है।

ह निवेश काफी दिलचस्प है, क्यूंकि यह स्वास्थ्य तकनीक से जुड़ा हुआ है। जी हाँ! Unicorn India Ventures ने अपने इक्विटी फंड-2 से निवेश की शुरुआत के लिए नियो डायग्नोस्टिक्स स्टार्टअप SaScan को चुना है।

बता दें SaScan असल में एक नियो डायग्नोस्टिक्स ​​स्टार्टअप है जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों मोर्चे पर काम कर अपने ओरल कैंसर स्क्रीनिंग डिवाइस ‘OralScan’ को बाज़ार में पेश करने के प्रयास कर रहा है।

इसके साथ ही यह स्टार्टअप एक अन्य सामान्य प्रकार के कैंसर की जांच के लिए एक और मशीन के क्लिनिकल टेस्टिंग को लेकर भी काम कर रहा है।

यह एक बेहद जरूरी चीज़ भी है, क्यूंकि बीते कुछ समय के आंकड़ों को देखनें से यह साफ पता लगता है कि कैंसर काफ़ी खतरनाक रूप से भारत में सबसे अधिक होने वाली बीमारियों में से एक बन गया है।

नवंबर 2019 में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सबसे आम कैंसर प्रकारों में से कुछ जैसे, ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर जैसी मामलों में ही अकेले 2017 और 2018 के बीच 324% की वृद्धि दर्ज की गई है।

वहीँ सटीक आंकड़ों की बात करें तो 65 मिलियन मरीजों जिन्होंनें ऐसी ही किसी बीमारी की शंका के चलते डॉक्टरों का दरवाजा खटखटाया, उनमें से कम से कम 1,60,000 को इन्हीं प्रकार के कैंसर के चलते डायग्नोसड किया गया। गौर करने वाली बात यह है कि यही आंकड़ा एक साल पहले तक सिर्फ 35,000 था।

और ऊपर के सभी आँकड़े तो सिर्फ सरकारी क्लीनिक डेटा के हैं। दरसल कुछ रिसर्च के अनुसार भारत में मृत्यु दर (बीमारी के चलते हुई मौतों) के हिसाब से कैंसर दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है, जिसके चलते प्रति वर्ष लगभग 0.3 मिलियन मौतों होती हैं।

दिलचस्प यह है कि दुनिया भर में डॉक्टरों का एक मत से यह सुझाव रहा है कि कैंसर का जल्दी पता लग पाना ही इसके उपचार को सफल बना सकता है, क्योंकि अधिकांश तौर पर देर से पता लगने वाले कैंसर अपनी आखिरी स्टेज तक पहुँच चुकें होते हैं, जो ठीक नहीं हो पाते।

पर यहाँ भी एक मुश्किल है, दरसल कैंसर की प्रारंभिक जांच भी आम तौर पर महंगी होती है, लेकिन अधिकतर मामलों में अगर इन टेस्ट के जरिये लक्षणों का पता लग जाता है, तो इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है।

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इसी दिशा में SaScan भी अब अधिक सटीक, कम लागत और शुरुआती कैंसर जांच के एक तेज समाधान के साथ बाज़ार में उतरा है।

इस श्रृंखला में कंपनी द्वारा पेश किया गया पहला डिवाइस है, ‘OralScan’, जो मौजूदा तरीकों से कहीं सस्ती कीमत और कहीं अधिक सटीकता से Oral स्क्रीनिंग के जरिये लक्षणों का पता लगा सकता है। इसके लिए इसमें एक एक इन-बिल्ट कैमरे का भी उपयोग किया जाता है।

आपको बता दें SaScan का दूसरा डिवाइस सर्वाइकल कैंसर डायग्नोसिस में मदद करता है। यह सर्वाइकल में रूपात्मक और बायो केमिकल परिवर्तनों के जरिये डायग्नोसिस का काम करता है, जो मौजूदा विधियों जैसे पैप स्मीयर या कोलोपोस्कोपिक (VIA और VILI) से कहीं अधिक सटीक परिणाम देता है और शुरुआती स्तर में ही कैंसर के लक्षणों की पहचान करने में मदद करता है।

इसके साथ ही यह डिवाइस बायोप्सी के लिए ऑप्टीमल साइट की पहचान करने में भी मदद करेगा, जिससे बीमारी व्यक्ति डायग्नोसिस के दौरान अनावश्यक दर्द से बच सकेगा।

वहीँ नए निवेश की बात करें तो SaScan इस राशि के उपयोग आसान, सुलभ और प्रारंभिक कैंसर का पता लगाने वाले एक व्यापक डायग्नोस्टिक्स समाधान रेंज को बनाने के लिए करेगा, जो शुरुआती स्तर में ही सटीकता से लक्षणों का पता लगा सकें। और साथ ही यह लोगों के लिए किफायती भी हों।

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