संपादक, न्यूज़NORTH
फ़िलहाल कोरोना वायरस (COVID-19) के दुनिया भर में फ़ैल रहे प्रकोप को लेकर किसी भी देश के पास कोई सटीक उपचार नहीं है। ऐसे में लॉकडाउन और संक्रमित व्यक्ति की जाँच कर उसको दूसरों से अलग रखना ही इस वायरस को रोकने का एकमात्र पुख्ता समाधान है।
और इसलिए दवाई के साथ ही साथ इस वैश्विक लड़ाई में सबसे जरूरी एक और चीज़ है, जो है संक्रमण के लिए बेहतर से बेहतर टेस्ट किट और ऐसा लगता है कि इस दिशा में अब के बड़ी सफलता मिली है।
दरसल Abbott Laboratories ने आज एक घोषणा में बताया कि इसने नए COVID-19 टेस्टिंग के लिए US FDA से Emergency Use Authorization (EUA) प्राप्त किया है, जिसके चलते अब मिनटों में कोरोना वायरस संक्रमण की जाँच की जा सकेगी।
जी हाँ! कंपनी के दावों के अनुसार इस नए टेस्टिंग के तरीके से COVID-19 के पॉजिटिव संक्रमण की जांच में सिर्फ 5 मिनट और नेगेटिव परिमाणों के लिए 13 मिनट का ही वक़्त लगेगा।
आपको बता दें फ़िलहाल विश्व स्तर पर उपयोग की जा रही अधिकांश टेस्टिंग किटों को परिणाम देने में कम से कम 2 से 3 घंटों का समय लगता है।
हालाँकि पहले भी कंपनियां कुछ नए टेस्टिंग किटों के साथ सामने आयीं हैं, लेकिन एबॉट Abbott की यह किट वाकई तेजी से टेस्टिंग में मदद करने वाली अपनी तरह कि पहली COVID-19 टेस्टिंग किट होगी जो व्यावहारिक रूप से लाखों के पैमाने पर स्केलेबल हो सकती है।
दरसल इस किट की खासियत सिर्फ इसके द्वारा लिया जाने वाला कम समय ही नहीं बल्कि इसका छोटा आकार भी है, जिसके चलते इसको कहीं से आसानी से ले जाया जा सकता है। ये पोर्टेबल मशीन साइज़ के लिहाज से भी कारगर साबित हो सकती है।
इस बीच आपको बता दें ID NOW आधारित COVID 19 टेस्टिंग प्लेटफार्म काफ़ी छोटा है, और इसका वजन भी करीब 6.6 पाउंड है। साथ ही यह मॉलिकुलर तकनीक का इस्तेमाल करता है।
दरसल लगभग सभी चिकित्सक और चिकित्सा पेशेवर मॉलिकुलर तकनीक के माध्यम से ही टेस्टिंग की सलाह देने हैं क्यूंकि इससे परिणाम अन्य पारंपरिक तरीकों की तुलना में कहीं अधिक सटीक निकलते हैं।
मॉलिकुलर टेस्टिंग वायरस के एक छोटे से भाग की पहचान करके वायरस की उपस्थिति का पता लगाने में मदद करती है, और साथ ही यह उस हिस्से को तब तक अम्प्लीफ़ाई करती है जब तक वायरस की सटीक जांच न की जा सके। इसके चलते ही परिणामों में सिर्फ मिनटों का वक़्त लगता है।
सबसे सामान्य कोरोना वायरस परीक्षणों की तरह इसमें भी नाक या गले से नमूने लिए जाते हैं। फिर इन नमूनॉन को एक रासायनिक सलूशन के साथ मिलाया जाता है जो वायरस के RNA अलग अलग कर तोड़ सकता है। इस तैयार नमूनें को अब Abbott के ID NOW डिवाइस में भेजा जाता है, जो नमूने को बड़ा करके इसकी जाँच करता है।
इस बीच Abbott के अध्यक्ष और सीईओ Robert B. Ford ने कहा;
“COVID-19 महामारी कई मोर्चों पर लड़ी जाएगी और एक पोर्टेबल मॉलिकुलर टेस्टिंग जो मिनटों में परिणाम दे, इस वायरस से निपटने के लिए बेहद आवश्यक समाधानों में से एक है।”
” ID NOW तेजी से टेस्ट के साथ आप बिना हॉस्पिटल यह किसी स्पेशल सुविधा के इसको कहीं भी इस्तेमाल कर सकतें हैं।”
आपको बता दें ID NOW प्लेटफॉर्म पहले से ही पूरे अमेरिका में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला टेस्टिंग प्लेटफॉर्म है, जिसमें पहले से ही 18,000 से ज्यादा ऐसे डिवाइस इस्तेमाल किये जा रहें हैं।
यह व्यापक रूप से इन्फ्लूएंजा, स्ट्रेप गले और श्वसन सिंक्रोटीलियल वायरस का पता लगाने के लिए उपयोग किया जाता है, दरसल यह ऐसी वायरस हैं जो सामान्य रूप से ठंड जैसे लक्षणों का कारण बनते हैं।
इस बीच कंपनी 1 अप्रैल से प्रतिदिन करीब 50,000 टेस्ट कर पाने की क्षमता के होने का दावा कर रही है। जिसका दावा खुद Abbott Diagnostics के रिसर्च और डेवलपमेंट के उपाध्यक्ष John Frels ने किया है। फ़िलहाल यह डिवाइस पूरे अमेरिका में तैनात किए जाएंगे। वहीँ वैश्विक रूप से पेश करने के लिए इसको कोई समय सीमा तभी तक तय नहीं की गयी है।
बता दें इसके अलावा Abbott ने हफ्ते भर पहले ही Abbott RealTime SARS-CoV-2 EUA टेस्ट का भी ऐलान किया था जो जो सेंट्रलाइज्ड लैब जैसे वातावरण के लिए m2000 RealTime मॉलिक्युलर प्रणाली में तहत काम करता है।
इस बीच ID NOW के साथ Abbott अप्रैल में लगभग 5 मिलियन टेस्ट करने की योजना बना रहा है, जो इसको विश्व स्तर पर कोरोना वायरस टेस्टिंग के लिए सबसे कारगर उत्पादकों में से एक बना देगा।
वहीँ पारंपरिक फार्मा कंपनियों और नए जमाने के हेल्थ-टेक स्टार्टअप्स द्वारा कोरोनो वायरस परीक्षण में तेजी लाने के वैश्विक स्तर पर काफी प्रयास हो रहें हैं। WHO भी इस पर काफी जोर दे रहा है।
इस बीच आपको बता दें हाल ही में भारत स्थित Mylabs भारतीय दवा नियामक CDSCO की अनुमति वाली टेस्टिंग किट बनाने वाली पहली निजी कंपनी बन गई है। Mylabs की यह टेस्टिंग किट वर्तमान के 4 घंटे के टेस्टिंग समय को आधा कर देती है।
कंपनी ने यह भी कहा कि वह एक हफ्ते में 100,000 तक टेस्ट कर सकती है, जो भारत के लिहाज़ से थोड़ी बेहतर शुरुआत कही जा सकती है।