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भारतीय उड्डयन मंत्रालय से Google समर्थित Dunzo और Throttle को मिली लंबी दूरी की ड्रोन उड़ानों के परीक्षण की मंजूरी

भारतीय उड्डयन मंत्रालय से Google समर्थित Dunzo और Throttle को मिली लंबी दूरी की ड्रोन उड़ानों के परीक्षण की मंजूरी

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ड्रोन और इसकी तकनीक को लेकर काफी समय से भारत में एक बड़ी बहस और कोशिशों का सिलसिला चलता आ रहा है। लेकिन ऐसा लगता है अब इस दिशा में की जा रही तमाम कोशिशें रंग लाने लगीं हैं।

दरसल नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा पहली बार देश में दो कंपनियों को लंबी दूरी की ड्रोन उड़ानों के परीक्षण के लिए मंजूरी देने की खबर सामने आई है। जी हाँ! इस मंजूरी को प्राप्त करने वाली दोनों कंपनियों में से पहली है Google समर्थित Dunzo और दूसरा नाम है बैंगलोर स्थित एयरोस्पेस स्टार्टअप Throttle का।

इस बीच यह साफ़ कर दें कि अभी तक इसकी कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है, यह खबर फ़िलहाल इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के माध्यम से ही सामने आ सकी है।

इस रिपोर्ट की माने तो नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा संपर्क करने के लिए Dunzo और Throttle ने मिलकर एक एसोसिएशन का गठन किया था। और अब यह खबर सामने आई है कि इस एसोसिएशन को लंबी दूरी की उड़ानों या Beyond Visual Line of Sight (BVLOS) ड्रोन ऑपरेशन के लिए परीक्षण संबंधी मंजूरी मिल गई है।

दिलचस्प यह है कि अभी भी अंतिम अनुमति का इंतज़ार किया जा रहा है। वहीँ इस मामले से अवगत एक सरकारी अधिकारी के अनुसार,

“इन कंपनियों को नागरिक उड्डयन मंत्रालय से एक और अनुमति लेने की आवश्यकता पड़ेगी, जिसमें 7 से 10 दिन का समय और लग सकता है, क्यूंकि इसमें मंत्री स्तर से ही अनुमति दी जा सकती है।”

लेकिन जो बात इस अनुमति को बेहद खास बनाती है वह यह कि भारत में पहली बार किसी कंपनी को ड्रोन संबंधी लंबी दूरी के परीक्षण की मंजूरी दी गयी है।

दरसल इसका एक मुख्य उद्देश्य यह भी हो सकता है कि इसके जरिये मानवरहित विमानों (ड्रोन) के लिए Beyond Visual Line of Sight (BVLOS) श्रेणी में भी नियमों और नीतियों को तैयार करने के लिए इन परीक्षणों का इस्तेमाल किया जाए।

Throttle Aerospace Systems  के संस्थापक और निदेशक नागेंद्रन कंदासामी ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि कंपनी चिकित्सा आपूर्ति जैसी जरूरतों के लिए ड्रोन समाधान का निर्माण करना चाहती है। और अब इस मंजूरी के साथ कंपनी जल्द ही दवा वितरण क्षेत्र में इस समाधान का परीक्षण शुरू करेगी।

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इस बीच ड्रोन और इससे संबंधित नियमों की बात करें तो पश्चिमी देशों की तुलना में भारत तेजी से आगे बढ़ता नज़र आता है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला यह देश हाल ही में देश के भीतर सभी ड्रोनों का एक आधिकारिक डेटाबेस बनाने वाला दुनिया का पहला ऐसा देश बन चूका है।

दरसल DGCA ने हाल ही में सभी ड्रोन मालिकों को स्वैच्छिक रूप से अपने ड्रोन के साथ पंजीकृत होने के लिए आग्रह किया था। और साथ ही DGCA ने ऐसे सभी स्वैच्छिक पंजीकरणों को कुछ स्तर पर नीतियों में छूट देने की भी बात कही थी। साथ ही इस नियम के बाद देश के भीतर बेचे जाने वाले सभी ड्रोनों के लिए सरकारी पंजीकरण नंबर लेना अनिवार्य कर दिया गया था।

साथ ही कुछ दिन पहले DGCA ने पहले छह ‘ग्रीन जोन’ को भी ड्रोन उड़ानों के लिहाज से खोल दिया था, जिससे अब इन क्षेत्रों में भी ड्रोन को उड़ानें की अनुमति होगी। असल में DGCA को सुरक्षा एजेंसियों से मंजूरी मिलने के बाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में पाँच किलोमीटर के दायरे को लेकर अधिसूचना जारी की गयी थी।

इस बीच इस रिपोर्ट में एक और दिलचस्प जिक्र यह रहा कि Dunzo और Throttle की ही तर्ज पर अब जल्द ही और पाँच एसोसिएशन को ऐसी ही मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है। लेकिन COVID-19 के प्रकोप के चलते इस काम में थोड़ी देरी जरुर हो सकती है।

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