संपादक, न्यूज़NORTH
दुनिया की कुछ नामी कंपनियों में शुमार अमेरिकी क्लाउड आधारित सेवा प्रदाता Salesforce.com Inc ने अपने भारतीय व्यवसाय को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।
दरसल Salesforce ने भारत की जानीं मानी पूर्व बैंकर और SBI प्रमुख अरुंधती भट्टाचार्य को अपने भारतीय कारोबार की जिम्मेदारी सौंपते हुए, उन्हें Salesforce India का सीईओ नियुक्त किया है। आपको बता दें यह खबर मंगलवार को Reuters पर सूत्रों के हवाले से छपी एक रिपोर्ट के बाद सामने आई है।
फ़िलहाल अरुंधती भट्टाचार्य ने इस विषय पर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है और वहीँ Salesforce ने भी इस पर कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
लेकिन यह खबर इसलिए भी बड़ी बन जाती है क्यूंकि अरुंधती भट्टाचार्य पहली ऐसी महिला हैं, जिन्होनें भारत के सबसे बड़े और 200 साल से भी अधिक पुराने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का नेतृत्व किया था। बैंक में विभिन्न भूमिकाओं में चार दशक बिताने के बाद वह 2017 में SBI से सेवानिवृत्त हुईं थीं।
इस बीच Reuters की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया;
“वह एक बेहद विश्वसनीय नाम हैं, जो अनमोल व्यापक अनुभव की धनी हैं और इससे Salesforce को भारत में अपना विस्तार करने में काफ़ी मदद मिलेगी।”
वहीँ रिपोर्ट में कहा गया कि 64 वर्षीय अरुंधती भट्टाचार्य अप्रैल में कंपनी में शामिल होकर मुंबई से कारोबार को संभालेंगी।
आपको बता दें फ़िलहाल अरुंधती भट्टाचार्य वैश्विक भुगतान नेटवर्क, SWIFT India में बतौर चैरमैन की भूमिका निभा रहीं हैं।
लेकिन यह कदम काफी दिलचस्प और खास है क्यूंकि Salesforce भारत में ग्राहकों को क्लाउड स्टोरेज और डिजिटल सेवा क्षेत्रों में एक व्यापक पेशकश करता है, और ऐसे में एक बड़ी पूर्व बैंकर का अनुभव कंपनी के सेवा क्षेत्रों को नए आयाम देता नज़र आ सकता है।
बीती जनवरी में ही Salesforce के सह-संस्थापक पार्कर हैरिस ने नई दिल्ली में भारत के व्यापार मंत्री से मुलाकात की थी और उनके साथ कंपनी की विकास योजनाओं की जानकारी भी साझा की थी।
वहीँ इंटरनेशनल कंपनी कॉरपोरेशन की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2024 तक Salesforce अपनी विभिन्न सेवाओं के माध्यम से 500,000 से अधिक रोजगार और व्यापार राजस्व के तौर पर $67 बिलियन का आंकड़ा छू सकता है।
वैसी शायद कंपनी ने इस दिशा में काम करना भी शुरू कर दिया है। हाल ही में ही कौशल विकास की दिशा में काम करने के लिए भारत सरकार ने भी कंपनी के साथ साझेदारी की है। और अब कंपनी का यह नया कदम भारत में इसकी स्थिति हो और मजबूत करता नज़र आ सकता है।