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IFC, World Bank सचिन बंसल की NAVI में करेगी $30 मिलियन का निवेश; बनेगी 4.5% की भागीदार

IFC, World Bank सचिन बंसल की NAVI में करेगी $30 मिलियन का निवेश; बनेगी 4.5% की भागीदार

सचिन बंसल ने आज लगातार सुर्खियाँ बटोरीं। जहाँ एक तरफ़ सचिन बंसल ने आज Wadhawan Group Capital (WGC) से DHFL का करीब 100 करोड़ रूपये में अधिग्रहण किया।

वहीँ अब IFC द्वारा दायर की गई एक अनडिस्क्लोज रिपोर्ट के जरिये यह सामने आया है कि World Bank ने अपनी निवेश इकाई International Finance Corporation (IFC) के जरिये सचिन बंसल की NAVI में 4.5% की हिस्सेदारी खरीदी है। वहीँ रिपोर्ट के अनुसार यह डील लगभग $30 मिलियन तक की होने की संभवना है।

दिलचस्प रूप से यह निवेश बंसल के NBFC Chaitanya Rural Intermediation Development Services (CRIDS) के अधिग्रहण का ही एक हिस्सा है, जिसमें बंसल पिछले साल CRIDS के सीईओ भी बने थे।

आपको बता दें Chaitanya  में दो भाग शामिल हैं, पहला Chaitanya Rural Intermediation Development Services (CRIDS) और दूसरा Chaitanya India Fin Credit Private Limited (CIFCPL)

बता दें CIFCPL असल में CRIDS की पूर्ण मालिकाना हक़ वाली सहायक कंपनी है, जिसने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को बैंकिंग लाइसेंस के लिए एक आवेदन दिया है और साथ में इन कंपनियों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों से कम आय वाले ग्राहकों को लोन प्रदान करने का है।

NAVI में IFC का निवेश दरसल CIFCPL को एक तकनीक आधारित वैश्विक बैंक (NAVI Bank) में बदलने के मकसद से किया गया है, जिसका लक्ष्य व्यक्तियों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) और कुछ कॉर्पोरेट्स को बड़े पैमाने पर बैंकिंग समाधान प्रदान करने का होगा।

अनुमान के अनुसार NAVI Bank अपने ग्राहकों के लिए काफी सरल शर्तें रखेगा, जो व्यक्तिगत रूप से ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुरूप होंगी और उन्हें बैंकिंग समाधानों के लिए प्रेरति करेंगी।

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लेकिन हम यह जरुर बता दें कि फ़िलहाल इसको अभी तक आधिकारिक तौर पर लॉन्च नहीं किया गया है। पर यह जरुर है कि NAVI ने लॉन्च से पहले ही बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े सबसे वरिष्ठ लीडर्स को शामिल कर लिया है।

इसके साथ ही कंपनी BFSI (Banking, Financial Services & Insurance) क्षेत्र में डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके उपभोक्ता-केंद्रित और प्रौद्योगिकी-संचालित सेवाएं प्रदान करना चाहती है।

वही अब IFC का लक्ष्य इस नए फॉर्मूले के साथ भारतीय MSME बैंकिंग क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना है, जिससे भारत में नए डिजिटल बैंकिंग मॉडल का प्रसार हो सके।

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