Parliament House self-immolation incident: बुधवार 25 दिसंबर को संसद भवन मार्ग में यूपी के युवक द्वारा खुद के ऊपर ज्वलशील पदार्थ डालकर हत्या करने का प्रयास किया गया था, जिसे उस समय तो बचा लिया गया था, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक, जब उसे उपचार के लिए अस्पताल लाया गया था, तब तक उसका शरीर 95 प्रतिशत जल चुका था। मृतक युवक सिर्फ 26 साल का था, वह उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में रहता था। पारिवारिक रंजिश के चलते उसने आत्मदाह का कदम उठाया था। हालांकि संसद के पास तैनात सुरक्षाकर्मियों की मदद से उसकी आत्महत्या की कोशिश को नाकाम करते हुए उसके द्वारा लगाई गई आग बुझा दी गई थी, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा (Parliament House self-immolation) था उपचार
युवक का उपचार दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा था, लेकिन दो दिनों बाद उसके शरीर ने जबाव दे दिया। डॉक्टरों ने बताया आत्महत्या के प्रयास में युवक आग से बुरी तरह झुलस गया था। उसके शरीर का 95% हिस्सा आग से जलकर खराब हो चुका था, इस वजह से शुक्रवार दोपहर 2 बजे युवक ने अपने प्राण छोड़ दिए। पोस्टमार्टम के बाद युवक का शरीर परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
परिजनों ने पुलिस के ऊपर लगाया आरोप
युवक की मौत ने उसके परिजनों को बुरी तरह प्रभावित किया है। पीड़ित स्वजन का पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप है। वे गम और गुस्से में हैं। दअरसल मृतक और उसके परिवार के लोगों का पड़ोस में रह रहें एक शख्स के साथ विवाद चल रहा था। जो बात समाने आई है, उसके अनुसार, वर्ष 2021 में कस्बे के रहने वाले होमगार्ड कविंद्र के परिवार से शराब को लेकर विवाद हो गया था। उनके बीच कई बार झगड़ा हुआ। दो मुकदमे जितेंद्र पक्ष व एक मुकदमा कविंद्र पक्ष के खिलाफ छपरौली थाने में दर्ज हुआ था।
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गैर इरादतन हत्या के प्रयास के एक मुकदमे में जितेंद्र समेत तीन लोगों ने वर्ष 2022 में अदालत में आत्मसमर्पण किया था। कुछ समय बाद कोर्ट से जमानत मिलने पर उनकी जेल से रिहाई हो गई थी। इसी परिवारिक रंजिश के चलते मृतक ने आत्महत्या का कदम उठाया था। इस मामले में पुलिस कार्रवाई न होने के आरोप मृतक के परिजन लगा रहे है।