Opportunities started increasing in small cities: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत में छोटे शहरों से बड़े शहरों के ओर रुख करने वाले नागरिकों की संख्या में कमी आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा छोटे शहरों में बढ़ते आर्थिक अवसरों की वजह से हो रहा है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट 400 मिलियन ड्रीम्स!’ वाले शीर्षक से छपे इस लेख में छोटे और बड़े शहरों के तुलनात्मक आंकड़े भी पेश किए गए है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए ईएसी-पीएम ने तीन डेटासेट का इस्तेमाल किया गया। इसमें भारतीय रेलवे अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) के पैसेंजर वॉल्यूम का डेटा; भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से मोबाइल टेलीफोन उपभोक्ताओं का रोमिंग डेटा और रेमिटेंस पर जिला स्तरीय बैंकिंग डेटा का इस्तेमाल किया गया है।
पलायन करने वालों की संख्या करीब 12% तक घटने का अनुमान
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति की रिपोर्ट में साल 2011 से 2023 के बीच घरेलू स्तर पर पलायन करने वालों की संख्या करीब 12% तक घटने का अनुमान लगाया गया है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 से 2023 के बीच घरेलू प्रवासियों की संख्या घटकर 40.20 करोड़ रह जाने का अनुमान है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जनगणना 2011 के अनुसार प्रवास की दर जो 37.64 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 28.88 प्रतिशत हो गई है। भारतीय प्रवासियों की संख्या में आने वाली गिरावट देश भर में आर्थिक अवसरों में बढ़ोतरी का संकेत देती है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया कि इस विधि से सिर्फ एक अनुमान लगाया गया है और असली आंकड़े जनगणना के बाद ही बताए जा सकते हैं।
बुनियादी ढांचों की उपलब्धता (Opportunities increasing small cities) बढ़ी
इस रिपोर्ट को पीएम आर्थिक सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष बिबेक देबरॉय और फिलहाल इस परिषद में निदेशक के रूप में तैनात आईआरएस अधिकारी देवी प्रसाद मिश्रा ने मिलकर तैयार किया है। उन्होंने रिपोर्ट में दावा किया है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी जैसी बेहतर सेवाओं की उपलब्धता छोटे शहरों में बढ़ी है।
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जिससे देश में छोटे शहरों से बड़े शहरों में जानें का चलन कम हुआ है। रिपोर्ट में पलायन के लिए आकर्षित करने वाले टॉप पांच राज्यों के स्ट्रक्चर में बदलाव आया है। इंटर-स्टेट पलायन करने वाले कम दूरी वाले जगहों में पश्चिम बंगाल और राजस्थान नई एंट्री मारने वाले राज्यों में टॉप पर हैं, जबकि आंध्र प्रदेश और बिहार अब एक पायदान नीचे आ गए है।