Pooja Khedkar’s anticipatory bail plea rejected: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूजा को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह की पीठ ने कहा कि पूजा खेड़कर ने साजिश रची है और देश की छवि को नुकसान पहुंचाया है। बता दे, पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पर सिविल सेवा परीक्षा में कथित धोखाधड़ी और ओबीसी-दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने का केस दर्ज है।
पूजा खेड़कर को गिरफ्तारी पर अंतरिम (Pooja Khedkar’s anticipatory bail) सुरक्षा मिली थी
अदालत ने पूजा को पूर्व में दी गई गिरफ्तारी पर अंतरिम सुरक्षा को भी हटा दिया। अगस्त माह में पूजा खेड़कर को गिरफ्तारी पर अंतरिम सुरक्षा दी थी। 31 जुलाई को यूपीएससी ने खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें आयोग की सभी भविष्य की परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से वंचित कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए अपनी टिपण्णी में कहा, पूजा खेड़कर की हरकतें सिस्टम में हेरफेर करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थीं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अगर उन्हें अग्रिम जमानत दी जाती है तो जांच प्रभावित होगी। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में आगे यह भी कहा कि यूपीएससी दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है, कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने न केवल संवैधानिक संस्था के साथ बल्कि पूरे देश के साथ धोखाधड़ी की है।
पूजा खेड़कर के ऊपर कई गंभीर आरोप
यूपीएससी ने जुलाई में खेडकर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी, जिसमें फर्जी पहचान के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में आपराधिक मामला उनके खिलाफ़ दर्ज हुआ था। दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक एफआईआर उनके खिलाफ़ दर्ज की है।
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यूपीएससी की कार्रवाई में जांच के बाद उनके चयन को रद्द कर दिया था। उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। उन्हें भविष्य में परीक्षाएं देने से भी रोक दिया गया है।