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मानवीय चूक के चलते क्रैश हुआ था देश के पहले CDS बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर: संसदीय समिति

Woman leader helicopter crashes in Maharashtra

Helicopter of the country’s first CDS Bipin Rawat: भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की निधन दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर हादसे में हुआ था। इस हादसे की जांच के लिए संसदीय समिति गठित की गई थी। हादसे के करीब तीन साल बाद समिति ने कहा है कि हेलीकॉप्टर क्रैश का कारण मानवीय भूल थी। इसके अलावा रिपोर्ट में इंडियन एयर फोर्स के विमानों की दुर्घटनाओं के आंकड़े भी शेयर किए गए हैं। समिति ने बताया कि 13वीं रक्षा योजना अवधि के दौरान कुल 34 प्लेन दुर्घटनाएं हुई जिनमें 2021-22 में इंडियन एयर फोर्स के नौ प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हुए थे और 2018-19 में 11 विमान दुर्घटनाएं हुई थीं

8 दिसंबर 2021 को जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat)) का प्लेन हुआ था दुर्घटनाग्रस्त

भारत के पहले जनरल बिपिन रावत का एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर 8 दिसंबर 2021 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत और कई बाकी सशस्त्र बल कर्मियों की दुखद मृत्यु हो गई थी। यह घटना तमिलनाडु के कुन्नूर में हुई थी। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश के बारे में लिखा है कि 8 दिसंबर 2021 को हुए हादसे में एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ। यह 33वीं दुर्घटना थी। इसका कारण HE(A) यानी ‘मानवीय भूल (एयरक्रू)’ है। रक्षा मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया है कि साल 2018 के बाद बीते करीब छह साल में 34 दुर्घटनाओं की जांच की गई।

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हादसे में शौर्य चक्र ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जीवित बचे थे

हादसा इतना भयावह था कि एमआई-17 वी5 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद हेलिकॉप्टर में सवार कोई व्यक्ति जिंदा नहीं बचा था। हादसे के वक्त हेलिकॉप्टर में 14 लोग सवार थे जिनमें से 13 की मौत हो गई थी। इस घटना में एकमात्र सर्वाइवर शौर्य चक्र विजेता ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जीवित निकले थे लेकिन इलाज के दौरान एक हफ्ते बाद उनकी मौत हो गई। वेलिंगटन से उन्हें बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में शिफ्ट किया गया था, वह बुरी तरह झुलस गए थे।

समिति ने दुर्घटनाओं की संख्या को चिंताजनक बताया

समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस प्रकार की दुर्घटनाओं की संख्या को चिंताजनक बताया है। रिपोर्ट में भारतीय रक्षा मंत्रालय और वायुसेना को अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं की समीक्षा करने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में ये भी सुझाव दिया गया है कि दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए मानवीय चूक की संभावना को खत्म करने के लिए और जांच और ज्यादा सतर्कता की जरूरत है।

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