China’s airport on artificial island: भारत के पड़ोसी देश चीन ने एक बार फ़िर दुनिया का अपने काम से चौंका दिया है। चीनी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन सबसे बड़ा आर्टिफिशियल आईलैंड इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना रहा है। इस हवाई अड्डे का निर्माण डालियान शहर के पास समुद्र में किया जा रहा है। दावा किया गया है कि चीन 43 मिलियन यात्रियों को संभालने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा चीन आर्टिफिशियल आइलैंड एयरपोर्ट बनाएगा। चीन का यह प्रोजेक्ट तकनीकी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग है। यदि वह ऐसा करने में कामयाब होता है, तो यह उसकी एक बड़ी उपलब्धि होगी।
चीनी शहर डालियान में बालू का (China’s artificial island) आर्टिफिशियल आईलैंड
चीन ने अपने पूर्वोत्तर तट पर लिओनिंग प्रांत के एक व्यस्त बंदरगाह वाले शहर डालियान को बेहतर सुविधा परिवहन मुहैया कराने के लिए नजदीकी समंदर में बालू भर-भरकर एक बड़ा सा कृत्रिम द्वीप बना दिया है। अब उसकी योजना इस द्वीप में दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने की है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कृत्रिम द्वीप पर निर्माणाधीन डालियान जिनझोउ बे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 20.9 वर्ग किलोमीटर (7.7 वर्ग मील) में फैला होगा। इसमें चार रनवे और 900,000 वर्ग मीटर (969,000 वर्ग फीट) में यात्री टर्मिनल होगा। यह हवाई अड्डा पहले चरण में 2035 में चालू हो जाएगा। योजना के मुताबिक, इस हवाई अड्डे से प्रति वर्ष 540,000 उड़ानों को संचालित करना है, जहां से करीब 8 करोड़ यात्री सफर कर सकेंगे।
एयरपोर्ट में सोलर एनर्जी और विंड पावर का उपयोग
शुरुआती तौर में जो जानकारी सामने आई है, इस बेहद बड़े एयरपोर्ट के लिए चीन एनर्जी के लिए रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स जैसे सोलर एनर्जी और विंड पावर का उपयोग होगा। निर्माणाधीन हवाई अड्डा डालियान के बंदरगाह शहर के रूप में काम करेगा, क्योंकि इस जगह से पास के दक्षिण कोरिया और जापान के साथ चीन के व्यापार को बढ़ाया जा सकेगा।
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6 मिलियन से अधिक की आबादी वाला यह डालियान शहर बोहाई जलडमरूमध्य के उत्तरी छोर पर एक प्रायद्वीप पर स्थित है और रसद सेवाओं, तटीय पर्यटन, शिपिंग और तेल रिफाइनरियों के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया है।