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मुंबई के कॉलेज में बड़ा स्कैम, मैनेजमेंट कोटे पर एडमिशन लेने वाले 50 बच्चों के डाक्यूमेंट्स फर्जी

मुंबई के कॉलेज में बड़ा स्कैम, मैनेजमेंट कोटे पर एडमिशन लेने वाले 50 बच्चों के डाक्यूमेंट्स फर्जी

  • महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बड़ा स्कैम सामने आया.
  • कॉलेज के कर्मचारियों समेत 3 लोगों को अरेस्ट किया है.
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Management quota scam in Mumbai college: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से शिक्षा विभाग के अंतर्गत एक बड़ा घोटाला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार, केजे सोमैया कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, एसके सोमैया विनय मंदिर जूनियर कॉलेज और केजे सोमैया कॉलेज ऑफ साइंस एंड कॉमर्स में एडमिशन के नाम पर धांधली की गई। घोटाले की जानकारी केजे सोमैया कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स के प्रिंसिपल डॉ. किशन पवार के द्वारा शिकायत के बाद सामने आई है। प्रिंसिपल की शिकायत के अनुसार, उक्त तीनों कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर 50 छात्रों से 3-3 लाख की वसूली की गई। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दाखिला दे भी दिया गया।

फर्जी दस्तावेजों के आधार (Management quota scam Mumbai) पर दाखिला

शिकायत के बाद पुलिस को मामले में 3 आरोपियों की तलाश है। हालांकि विद्याविहार में केजे सोमैया कॉलेज के दो कर्मचारियों और एक अन्य व्यक्ति को 3 बाहरी लोगों की मदद से कथित तौर पर कैश फॉर एडमिशन रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अभी तक मामले में पुलिस ने 49 वर्षीय महेंद्र विष्णु पाटिल, 43 वर्षीय अर्जुन वासराम राठौड़ और 55 वर्षीय देवेंद्र सयादे को अरेस्ट किया है। पाटिल एसके सोमैया विनय मंदिर जूनियर कॉलेज में क्लर्क है। इसके अतिरिक्त 43 वर्षीय अर्जुन वासराम राठौड़ और 55 वर्षीय देवेंद्र सयादे को अरेस्ट किया है। पाटिल एसके सोमैया विनय मंदिर जूनियर कॉलेज में क्लर्क है।

तीन लोगों की तलाश जारी

पुलिस रैकेट में शामिल जीतू भाई, बाबू भाई और कमलेश भाई की तलाश कर रही है। आरोपियों के द्वारा एक रैकेट चलाया जा रहा था, जिसमें छात्रों के परिजनों से तीन लाख रुपए लेकर फर्जी दस्तावेज़ तैयार किए गए। आरोपियों ने छात्रों के परिजनों से पैसा उनके बच्चों के प्रवेश के बाद लिया। मामले को लेकर तीनों कॉलेजों में जांच के दौरान छात्रों के दस्तावेज फर्जी मिले थे।

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जिसके बाद जांच समिति बनाई गई थी, जिसने दोषियों का भंडाफोड़ कर दिया। शिक्षा निदेशालय ने फर्जी छात्रों के प्रवेश को रद्द करने का ऐलान किया है। आरोपियों ने फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर 50 छात्रों को विभिन्न कॉलेजों में प्रवेश दिला दिया था। ज्यादातर विद्यार्थी आईबी, सीबीएसई, आईजीसीएसई और आईसीएसई जैसे बोर्डों के थे।

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