संपादक, न्यूज़NORTH
Tesla Searching For Showroom Space in Delhi?: दिग्गज इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता Tesla ने ने भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर फिर से कोशिशें तेज कर दी हैं। सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, Tesla ने नई दिल्ली में शोरूम के लिए फिर से जगह की तलाश शुरू कर दी है। वैसे इसके पहले भी Elon Musk के मालिकाना हक वाली ये कंपनी दिल्ली से लेकर मुंबई तक में कथित तौर पर जगह ढूँढ रही थी।
यह जानकारी मामले के जानकार सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में सामने आई है। भारत में Tesla की संभावित एंट्री को लेकर काफी समय से अटकलें लगाई जा रही हैं। इसी साल अप्रैल में Tesla के सीईओ एलन मस्क की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई थी, जिस दौरान देश में $2-3 बिलियन के निवेश की घोषणा की उम्मीद की गई थी। लेकिन बाद में वैश्विक बिक्री में गिरावट और कंपनी के 10% कर्मचारियों की छंटनी के चलते इस योजना को रद्द कर दिया गया।
Tesla Delhi Showroom: क्या है प्लान?
हालाँकि अब ऐसा लगता है कि Tesla ने फिर से भारत में प्रवेश की तैयारी शुरू कर दी है और नई दिल्ली में एक सही जगह की तलाश में DLF जैसी टॉप रियल एस्टेट कंपनियों से बातचीत कर रही है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि कंपनी पहले तो लगभग 3,000 से 5,000 वर्ग फुट की जगह चाहती है, जहां इसका इरादा काफी हद तक एक एक्सपीरिएंस सेंटर जैसी सुविधा बनाने का हो सकता है।
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इसके अलावा Tesla को डिलीवरी और सर्विस व ऑपरेशंस के लिए भी इससे लगभग तीन गुनी बड़ी जगह की तलाश है। रिपोर्ट में सूत्रों के मुताबिक, संभावित लोकेशन्स में नई दिल्ली का डीएलएफ एवेन्यू मॉल और गुरुग्राम का साइबर हब ऑफिस और रिटेल कॉम्प्लेक्स शामिल हैं। वैसे रिपोर्ट में सूत्रों की मानें तो Tesla दिल्ली के Avenue Mall में लगभग 8,000 वर्ग फुट का शोरूम बनाने की संभावना पर विचार कर रही है। लेकिन सब कुछ अभी शुरुआती चरण में है और किसी भी फैसले को कोई अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
Tesla के लिए अहम है भारत
वैसे तो Tesla के CEO एलन मस्क कई बार भारतीय बाजार में कारों के आयात पर लगने वाले भारी टैक्स को लेकर चिंता जता चुके हैं। वैसे भारत का इलेक्ट्रिक वाहन मार्केट फिलहाल कुल कार बिक्री का 2% हिस्सा ही बनाता है। लेकिन सरकार ने 2030 तक इसे 30% तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है। और ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें ईवी को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर देती भी नजर आ रही हैं।