Cement Price Hiked Across India: भारत में रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की तेजी के चलते सीमेंट की कीमतों में फिर जोरदार उछाल देखा गया है। पिछले 4-5 महीनों से स्थिर रहने वाली सीमेंट की कीमतों में दिसंबर 2024 की शुरुआत से बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हो गया है। इस बढ़ोतरी ने न केवल कंस्ट्रक्शन की लागत को बढ़ाया है, बल्कि सीमेंट की मांग और डीलर्स के मार्जिन पर भी प्रभावित किया है।
देशभर में प्रति 50 किलो के सीमेंट बैग की कीमत में लगभग ₹5 से ₹40 तक का इजाफा हुआ है। सामने आ रही रिपोर्ट्स के अनुसार, पश्चिमी भारत में सीमेंट की कीमतें ₹350-400 प्रति बैग तक पहुंच चुकी हैं। बताया जा रहा है कि उस क्षेत्र में यह बढ़ोतरी ₹5-10 प्रति बैग तक रही है।
Cement Price Hiked
वहीं बात की जाए दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की तो यहाँ सीमेंट डीलर्स ने कथित तौर पर ₹20 प्रति बैग तक की वृद्धि की है, जिससे नई कीमतें ₹340-395 प्रति बैग के बीच आ गई हैं। दक्षिणी भारत में स्थिति अधिक गंभीर बताई जा रही है, जहां ₹40 तक की वृद्धि के बाद 50 किलो के बैग की कीमत लगभग ₹320 हो गई है। इस बीच पूर्वी भारत में भी लंबे समय बाद कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है, जहां डीलर्स ने ₹30 प्रति बैग तक दाम बढ़ाए हैं।
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InCred Equities की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर में देश के सभी क्षेत्रों में औसतन ₹10-15 प्रति बैग तक की कीमतों में और वृद्धि होने की संभावना है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नई उत्पादन क्षमताओं के जुड़ने से कीमतों को अधिक बढ़ाना मुश्किल होगा। साथ ही बड़े सीमेंट उत्पादक वॉल्यूम और बाजार हिस्सेदारी पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जिससे कीमतों पर दबाव बना रहेगा।
देश में बढ़ी कंस्ट्रक्शन लागत
ये तो साफ है कि बढ़ती कीमतों का कंस्ट्रक्शन लागत पर सीधा प्रभाव पड़ता दिखाई देगा। रिपोर्टों के अनुसार पिछले 4 सालों में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की औसत निर्माण लागत में 39% की वृद्धि हुई है। साल 2020 में प्रीमियम हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की औसत निर्माण लागत ₹2000 प्रति वर्ग फुट थी, जो 2024 में बढ़कर ₹2780 प्रति वर्ग फुट हो गई है। इसका मतलब है कि केवल चार सालों में ही निर्माण लागत में ₹780 प्रति वर्ग फुट की वृद्धि हुई है।
बात पिछले 1 साल में निर्माण लागत की तुलना की करें तो इसमें 11% की बढ़ोतरी देखी गई है। मज़दूर लागात में 25% तक की वृद्धि भी इसके पीछे का प्रमुख कारण मानी जा रही है। लेकिन इसके साथ ही रेत, ईंट, कांच और लकड़ी जैसी चीजों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। लेकिन स्टील, एल्युमिनियम और कॉपर की कीमतों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। जाहिर है कुल मिलाकर अंतिम लागत को बढ़ाने में कई चीजों का योगदान रहा है।