The number of youth dying from heat is more than the elderly: आपने ज्यादातर सुना होगा कि गर्मी के सीजन में पड़ने वाली धूप और लू (हिट वेव) का असर ज़्यादातर बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। याने कि इसकी चपेट में आने से ज्यादातर बच्चें या बुजुर्ग इतना अधिक बीमार हो जाते है कि उनकी मौत तक हो जाती है लेकिन अब एक नई रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जिसमें दावा किया गया है कि गर्मी से मरने वाले युवाओं की संख्या बुजुर्गों से नौ गुना ज्यादा है। यह रिपोर्ट मेक्सिको में हुए एक अध्ययन के बाद प्रकाशित हुई है।
35 साल से कम उम्र के युवाओं (youth dying from heat) के ऊपर मौसम का प्रभाव
रिपोर्ट में रिसर्च का जिक्र करते हुए उल्लेख किया गया है कि उन्होंने अपने रिसर्च में पाया गया कि ज्यादा तापमान और नमी के दौरान, 35 साल से कम उम्र के युवाओं की मौत की दर 50 साल से अधिक उम्र के लोगों की तुलना में कहीं ज्यादा है। रिसर्च में मैक्सिको के 1998 से 2019 तक के मौत के आंकड़ों को समझा गया, उन आंकड़ों की रिसर्च में पता चला कि जब तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और 50 फीसदी नमी तक पहुंचता है, तो 35 साल से कम उम्र के 32 लोगों की मौत होती है, जबकि इसी तापमान पर 50 साल से ऊपर के केवल एक व्यक्ति की मौत होती है।
साइंस अडवांसेज‘ जर्नल की रिपोर्ट में जिक्र
पिछले दिनों साइंस अडवांसेज‘ जर्नल की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जिसमें यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। ये वाकई ताज्जुब की बात है कि जब युवा अवस्था में सबसे अधिक शरीर स्वस्थ अवस्था में होता है, तब इस प्रकार से युवाओं की मौत काफ़ी चिंता पैदा करने वाली बातें है। हालांकि रिचर्स तैयार करने वालों ने इन मृत्युदर को लेकर अपने तर्क भी दिए।
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उनका मानना है कि, पहला यह कि गर्मी का असर बाहर खुले में काम करने वालों पर ज्यादा हो सकता है और ऐसा करने वालों लोगों में युवा ज्यादा होते हैं. दूसरी वजह अतिउत्साह भी हो सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि युवा लोग अपने शारीरिक सीमाओं को नहीं समझते और ताप लहर के दौरान जोखिम भरे काम करते हैं। यानि कि लापरवाही और स्वास्थ्य के साथ (The number of youth dying from heat is more than the elderly) जोखिम उठाने की प्रवृत्ति की वजह से ऐसा होता हो।