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टेलीकॉम कंपनियों की सरकार से अपील, ‘इंटरनेट शटडाउन’ पर लगाई जाए लगाम

टेलीकॉम कंपनियों की सरकार से अपील, ‘इंटरनेट शटडाउन’ पर लगाई जाए लगाम

  • इंटरनेट शटडाउन को लेकर COAI ने लिखा केंद्र सरकार को पत्र
  • राज्य सरकारों द्वारा इंटरनेट बंदी के बढ़ते चलन पर जताई चिंता
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Telcos Urge Indian Government to Limit Internet Shutdowns: शायद ये बताने की ज़रूरत नहीं है कि आज के समय में इंटरनेट हमारे जीवन में कितना मायनें रखता है। ऑनलाइन बैंकिंग से लेकर डिजिटल पेमेंट, ऑनलाइन लर्निंग और ई-कॉमर्स जैसी सर्विस आज मानों अधिकांश लोगों के लिए बुनियादी ज़रूरतों का रूप लेती जा रही है। ऐसे में इंटरनेट को अचानक बंद कर देना या जिसे अक्सर आधिकारिक भाषा में ‘Internet Shutdowns’ का नाम दिया है, का असर व्यापक रूप से सभी नागरिकों पर पड़ता है। और अब इस मुद्दे पर टेलीकॉम कंपनियों ने खुद आवाज़ उठाई है।

जी हाँ! टेलीकॉम इंडस्ट्री ने हाल ही में भारत सरकार से अपील की है कि राज्य सरकारों को बार-बार इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के आदेश जारी करने से रोके। इस मामले में ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, टेलीकॉम ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन (DoT) को एक पत्र लिखा है। रिपोर्ट की मानें तो इस पत्र में कहा गया है कि अप्रैल 2024 से अब तक 11 टेलीकॉम सर्किल में 3,711 घंटों या लगभग 154 दिनों की इंटरनेट बंदी के आदेश दिए जा चुके हैं।

Internet Shutdowns पर सरकार लगाएगी लगाम?

जाहिर है इन इंटरनेट शटडाउंस के चलते आम लोगों को तरह-तरह की परेशानियों का सामना तक करना पड़ता है, जिसमें डिजिटल पेमेंट जैसी चीजों का बाधित होना एक गंभीर विषय बन जाता है। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि लगभग 90 प्रतिशत आवश्यक सेवाएं अब इंटरनेट पर आधारित हैं। इनमें ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल भुगतान, परिवहन सेवाएं, नेविगेशन, फार्मा, और फूड डिलीवरी जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

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वैसे तो आम तौर पर राज्य सरकारें कानून व्यवस्था बनाए रखने का हवाला देते हुए इंटरनेट बंद करने का आदेश देती है। ये आदेश 2017 के ‘पब्लिक इमरजेंसी या पब्लिक सेफ्टी नियमों’ के तहत ही जारी किए जाते हैं। लेकिन टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि यह कदम अक्सर बिना पर्याप्त तौर पर विचार किए लिया उठा लिया जाता है, जिससे कंपनियों और ग्राहकों दोनों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है।

राज्य सरकारें करती हैं नियमों की अनदेखी?

रिपोर्ट के अनुसार, इस बात का भी ज़िक्र किया गया कि साल 2024 में लागू किए गए नए नियमों के तहत, टेलीकॉम सेवाओं के अस्थायी निलंबन का समय 15 दिनों से अधिक नहीं होना चाहिए। लेकिन कथित रूप से कहा गया कि कई मामलों में इन नियमों की अनदेखी की गई है, जिससे राज्य सरकारों की नीतियों पर भी सवाल उठते हैं।

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पत्र में हाल के उदाहरणों का ज़िक्र करते हुए बताया गया कि मणिपुर समेत उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में संबंधित अवधि के दौरान 1,458 घंटों या लगभग 60 दिनों का इंटरनेट शटडाउन देखनें को मिला। मणिपुर के इम्फाल वेस्ट, इम्फाल ईस्ट, बिष्णुपुर, थौबल, चुराचांदपुर और अन्य जिलों में इंटरनेट सेवाएं लगभग 23 दिनों तक बंद रहीं।

हालांकि कंपनियों ने माना कि कुछ मामलों में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए अस्थायी रूप से यह निर्णय उचित हो सकता है, लेकिन टेलीकॉम कंपनियों ने इस पर भी समय सीमा की ओर ध्यान देने की बात भी कही गई। COAI और अन्य टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार से अपील की है कि वे राज्यों को इंटरनेट बंद करने के आदेश देने से को सीमित करें।

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