Holidays of outsourced employees cancelled: पूर्वांचल और दक्षिणांचल को निजी हाथों में देने को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। उनका साफ कहना है कि प्राइवेट पब्लिक पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल के दूरगामी परिणाम कार्मिकों ही नहीं प्रदेश की आर्थिक सेहत के लिए भी हानिकारक होंगे। दूसरी तरफ कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने हड़ताल पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। कॉर्पोरेशन प्रबंधन की ओर से आउटसोर्सिंग एजेंसियों को चेतावनी दी गई है कि अपने कर्मचारियों को आंदोलन से अलग रखें। आउटसोर्स कर्मी आंदोलन का हिस्सा बनेंगे तो उनकी सेवाएं समाप्त की जाएंगी। इसके साथ ही आउटसोर्स कर्मियों की छुट्टी भी रद्द कर दी गई है।
समूचे प्रदेश में विरोध (Holidays outsourced employees cancelled) प्रदर्शन
संघर्ष समिति ने शनिवार (आज) से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है, जिसके तहत सात दिसंबर शनिवार को समूचे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन होगा। विरोध सभा के माध्यम से आगे के आंदोलन तय किए जाएंगे। वही दूसरी ओर कॉर्पोरेशन प्रबंधन हड़ताल को रोकने के लिए अलग अलग स्तर में प्रयास में लगा हुआ हैं। कॉर्पोरेशन प्रबंधन की ओर से कर्मचारी संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। अधिकारियों व कर्मचारियों को अवकाश नहीं देने तथा जो अवकाश पर हैं, उन्हें बुलाने का आदेश दिया गया है।
कर्मचारी और उपभोक्ताओं के हित की कोई चिंता नहीं
वही कॉर्पोरेशन प्रबंधन के इस तैयारी से संघर्ष समिति और संभावित हड़ताल करने जा रहें प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के संगठन ने आरोप लगाया है कि कॉर्पोरेशन हड़ताल का वातावरण बनाकर प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने अपने आरोपों में कहा, प्रबंधन ही कार्मिकों पर हड़ताल थोपने में जुटा है। हड़ताल का कंट्रोल रूम बनाना, जिला अधिकारियों को हड़ताल संभावित बताते हुए मैसेज देना और खुद चेयरमैन द्वारा प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हड़ताल से निपटने की तैयारी करना यह सब देखकर ऐसा लगता है कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन को कर्मचारी और उपभोक्ताओं के हित की कोई चिंता नहीं है।
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यूपी में सभी हड़तालों में रोक – शासनादेश
यूपी में छह महीने के लिए किसी भी प्रकार की हड़ताल पर पाबंदी लगा दी गई है। प्रदेश सरकार ने अपने अधीन विभागों, निगमों और प्राधिकरणों में छह माह के लिए हड़ताल पर पाबंदी लगा दी है। इस संबंध में प्रमुख सचिव, कार्मिक, एम. देवराज की ओर से शुक्रवार को अधिसूचना जारी की गई। माना जा रहा है कि यह प्रतिबंध निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग के कार्मिकों की संभावित हड़ताल को देखते हुए लगाया गया है।