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Mahindra और IndiGo में ‘6e’ नाम को लेकर विवाद, दिल्ली हाईकोर्ट पहुँचा मामला

6e’ name dispute between Mahindra and IndiGo: दिग्गज एयरलाइन कंपनी IndiGo ने ऑटोमोबाइल सेक्टर की दिग्गज कंपनी Mahindra के ऊपर दिल्ली हाइकोर्ट में ट्रेडमार्क को लेकर कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा दायर किया है। एयरलाइंस कंपनी IndiGo का आरोप है कि Mahindra ने अपनी नई इलेक्ट्रिक गाडी BE 6e लॉन्‍च की है, उसमें प्रयोग में लिया गया नाम उनका रजिस्टर्ड कॉपीराइट ट्रेडमार्क है। इंडिगो का आरोप है कि BE 6E नाम रखकर गलत किया है क्‍योंकि “6E” इंडिगो एयरलाइन का फ्लाइट कोड है। कंपनी की ओर से दावा किया गया कि एयरलाइन पिछले 18 वर्षों से अपने डिजाइनर कोड के तौर पर 6E का इस्तेमाल करती आई है और इसका किसी भी रूप में उल्लंघन उसकी प्रतिष्ठा एवं सद्भावना को चोट पहुंचाता है।

जबकि इस पूरे मामले को लेकर Mahindra का कहना है कि उसकी नई गाड़ी का नाम BE 6E है, जो कि 6E रजिस्टर्ड कॉपीराइट ट्रेडमार्क से काफ़ी अलग है, इसके डिज़ाइन से लेकर अन्य चीजों में काफ़ी अंतर है और उनके नाम में 6E के उपयोग से कोई कॉपीराइट उल्लंघन नहीं हुआ है।

समाधान के लिए IndiGo एयरलाइन के साथ चर्चा

हालांकि इस पूरे मामले में Mahindra का रुख नर्म दिख रहा है, कंपनी के ओर से इस पूरे विवाद को लेकर एक बयान में कहा गया है कि वह ट्रेडमार्क विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए इंडिगो एयरलाइन के साथ चर्चा कर रही है। कंपनी के ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि उनके द्वारा ‘BE 6E’ के लिए क्लास 12 (वाहन) के तहत ट्रेडमार्क पंजीकरण के लिए आवेदन किया गया है। इसलिए हमें कोई टकराव नहीं दिखता क्योंकि महिंद्रा का ट्रेडमार्क ‘BE 6e’ है, न कि केवल ‘6E’. यह इंडिगो के ‘6E’ से मूल रूप से अलग है, जो एक एयरलाइन का प्रतिनिधित्व करता है, जिससे भ्रम की कोई संभावना नहीं है।

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आपको बता दें, यह दूसरी बार है जब इंडिगो किसी अन्य कंपनी के साथ नाम को लेकर कानूनी विवाद में उलझा है। 2015 में  इंडिगो का टाटा मोटर्स के साथ ट्रेडमार्क विवाद हुआ था।

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इंडिगो एयरलाइन का विवाद को लेकर बयान

इंडिगो की तरफ से इस मामले में जारी बयान में कहा गया कि एयरलाइन अपने बौद्धिक संपदा (ट्रेडमार्क) और ब्रांड पहचान को सुरक्षित रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने को प्रतिबद्ध है। कंपनी के ओर से कहा गया कि, “6E कोड पिछले 18 वर्षों से इंडिगो की पहचान का अभिन्न अंग है और यह एक पंजीकृत ट्रेडमार्क है, जिसकी वैश्विक स्तर पर मजबूत मान्यता है। इस कोड का किसी भी रूप में अनधिकृत इस्तेमाल इंडिगो के अधिकारों का उल्लंघन करता है, हालांकि इंडिगो की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने अदालत को बताया कि महिंद्रा ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एयरलाइन के साथ चर्चा (‘6e’ name dispute between Mahindra and IndiGo) शुरू कर दी है।

 

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