SEBI Bans 7 Financial Influencers Including Baap of Chart: शेयर बाजार में निवेशकों को गुमराह कर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देने वाले कथित सोशल मीडिया फिनफ्लुएंसरों पर सेबी (SEBI) अब सख्त रूख अपनाता नजर आ रहा है। हाल के निर्णय के तहत ‘बाप ऑफ चार्ट’ (Baap of Chart) के नाम से मशहूर मोहम्मद नसिरुद्दीन अंसारी और उनसे जुड़े अन्य व्यक्तियों पर SEBI द्वारा शिकंजा कसा गया।
अपने अंतिम आदेश में SEBI ने नसिर और उनकी कंपनी पर ₹17.2 करोड़ निवेशकों को लौटाने के लिए कहा है। आरोप है कि Baap of Chart नामक यूट्यूब चैनल और अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके नसिरुद्दीन अंसारी ने शेयर बाजार में निश्चित मुनाफे का दावा करते हुए निवेशकों को लुभाने का काम किया।
उनके चैनल पर कथित तौर पर दावा किया जाता था कि उनके स्टॉक मार्केट कोर्स से 95% तक सटीक मुनाफा हासिल किया जा सकता है। इतना ही नहीं बल्कि रोजाना कमाई करने की गारंटी जैसी बातें भी सामने आई हैं। लेकिन SEBI की जांच में ये तमाम दावे पूरी तरह झूठे और भ्रामक पाए।
SEBI Bans Baap of Chart
SEBI ने अपनी जांच में खुलासा किया कि जनवरी 2021 से जुलाई 2023 के बीच नसिरुद्दीन अंसारी ने शेयर बाजार में कुल ₹2.89 करोड़ का घाटा उठाया। इसके बावजूद, उन्होंने अपने ग्राहकों और निवेशकों के सामने इन नुकसानों को छुपाया और ट्रेडिंग कॉल्स व एजुकेशनल वीडियो के माध्यम से झूठे मुनाफे का प्रचार किया।
न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!
Baap of Chart की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्रोफाइल्स पर शेयर बाजार से जुड़ी ‘एजुकेशनल ट्रेनिंग’ और कोर्स बेचने का दावा किया गया। दिलचस्प रूप से इन कोर्सों की कीमत लाखों रुपये तक थी, और उन्हें खरीदने पर मुनाफा सुनिश्चित करने का झांसा दिया जाता था। लेकिन SEBI ने पाया कि ये कोर्स वास्तविक ट्रेडिंग पर आधारित नहीं थे और निवेशकों को गुमराह करने के उद्देश्य से डिजाइन किए गए थे।
नियामक के मुताबिक नसिरुद्दीन अंसारी ने बिना किसी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार के प्रमाणपत्र के निवेश सलाह दी। इसके साथ ही उन्होंने अपने कोर्स को आकर्षक बनाने के लिए सुनिश्चित रिटर्न के झूठे वादे किए। इन वादों के आधार पर निवेशकों से मोटी रकम वसूल की गई। यह एक गंभीर नियामकीय उल्लंघन है।
नियामक की सख्ती
इस मामले में सेबी ने नसिरुद्दीन अंसारी और उनकी कंपनी Golden Syndicate Ventures Private Limited (GSVPL) पर एक साल तक शेयर बाजार में किसी भी गतिविधि में भाग लेने से रोक लगा दी है। इसके अलावा, उनके सहयोगियों पर छह महीने का प्रतिबंध लगाया गया है। सेबी ने नसिर और अन्य संबंधित व्यक्तियों को तीन महीने के भीतर ₹17.2 करोड़ की रकम निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया है।
नसिर ने अपने जवाब में कहा कि उनके घाटे का कारण व्यक्तिगत चुनौतियां और बाजार में उतार-चढ़ाव था। उन्होंने यह भी कहा कि बिजनेस पर अधिक ध्यान देने के कारण वह अपने पोजीशन को बेहतर तरीके से मैनेज नहीं कर सके। पर SEBI ने स्पष्ट किया कि यह जानकारी निवेशकों से छुपाई गई थी, जो कि एक धोखाधड़ीपूर्ण गतिविधि है।