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Flipkart करेगा 10 मिनट में दवाओं की डिलीवरी, शुरू की तैयारी

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Flipkart To Start 10-Minute Medicine Delivery: भारत में दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी Flipkart अब स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी एक बड़ी पहल की तैयारी में है। सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, कंपनी जल्दी ही Flipkart Minutes नामक अपनी सर्विस के तहत 10 मिनट में दवाओं की डिलीवरी सुविधा शुरू करने जा रही है। इस नई पहल से Flipkart न केवल भारतीय क्विक कॉमर्स बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता है, बल्कि ऑनलाइन फार्मेसी सेगमेंट में भी बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने की कोशिश करेगा।

यह तमाम जानकारियाँ ET की एक हालिया रिपोर्ट में मामले के जानकार कई सूत्रों के हवाले से सामने आई है। बताया जा रहा है कि इस नई सुविधा के लिए Flipkart ने स्थानीय फार्मेसियों को अपने प्लेटफॉर्म पर जोड़ना शुरू कर दिया है। फिलहाल यह सर्विस बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में शुरू की जा रही है। लेकिन कंपनी जल्द ही कोलकाता, पुणे, हैदराबाद और चेन्नई जैसे कुछ बड़े शहरों में इसका विस्तार करेगी।

Flipkart Medicine Delivery

महज़ 10 मिनट में दवाओं कीडिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए Flipkart अपने मौजूदा लास्ट-माइल डिलीवरी नेटवर्क का इस्तेमाल करेगी। आपको बता दें, भारतीय कानूनों के अनुसार विदेशी निवेश वाली ई-कॉमर्स कंपनियां इन्वेंट्री का मालिकाना हक नहीं रख सकतीं। इस चुनौती से निपटने के लिए Flipkart स्थानीय लाइसेंस प्राप्त फार्मेसियों के साथ साझेदारी कर रहा है।

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वैसे देखा जाए तो Flipkart का हेल्थ सेगमेंट में प्रवेश कोई नया नहीं है। साल 2021 में ही Flipkart ने ऑनलाइन फार्मेसी और हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म SastaSundar Marketplace में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी थी। लेकिन अब दवाओं की डिलीवरी सर्विस से Flipkart को अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त लेने का मन बना रहा है। आपको बता दें, भारत में पहले से ही रिलायंस समर्थित Netmeds, Tata 1mg और Apollo Pharmacy जैसी कंपनियां ऑनलाइन दवाओं की डिलीवरी को लेकर मज़बूत पकड़ रखती है।

क्विक कॉमर्स का बढ़ता स्वरूप

जाहिर है ऑनलाइन मेडिसिन डिलीवरी कई सालों से चलन में है, लेकिन भारत में फिलहाल लगभग सभी ई-कॉमर्स कैटेगरियों में ‘क्विक कॉमर्स’ का रूप लेने का चलन भी बढ़ रहा है। Grant Thornton Bharat की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में क्विक कॉमर्स बाजर साल 2023 में $3.34 बिलियन का था, जो 2029 तक $9.94 बिलियन तक पहुंच सकता है।

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ग्रोसरी और फूड डिलीवरी की तुलना में दवाओं की डिलीवरी अधिक लाभदायक हो सकती है। दवाइयों की कीमत अधिक होती है, और मरीजों के लिए यह एक आवश्यक सेवा है। इस बाजार में प्रतिस्पर्धा के चलते छूट आदि कीमतों में बड़ा अंतर पैदा कर सकती हैं, खासकर उन मरीजों के लिए जो महंगे या दीर्घकालिक उपचार पर निर्भर होते हैं।

Flipkart अपने प्लेटफॉर्म पर विभिन्न कैटेगरी को जोड़ने और अपने लॉजिस्टिक्स को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। फिलहाल कंपनी BigBasket, Blinkit, Instamart और Zepto जैसे से भी मुक़ाबले में है। Flipkart का यह कदम ऐसे समय में आया है जब हाल में ही Amazon द्वारा भी अपनी कथित क्विक कॉमर्स सर्विस Tez को लेकर प्रयास तेज करने जैसी खबरें सामने आयीं थीं।

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